रांची : टेस्ट मैचों का सीजन खत्म हो गया है. अब मैदान पर फटाफट क्रिकेट का रोमांच दिखेगा. इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) का 10वां संस्करण पांच अप्रैल से शुरू हो जायेगा. दुनिया की सबसे अधिक पैसेवाली इस लीग के लिए टीमें तैयार हैं.
उदघाटन मुकाबला पिछले साल की चैंपियन सनराइजर्स हैदराबाद और उप विजेता रॉयल चैलेंजर्स बंगलौर की टीमों के बीच खेला जायेगा. लीग में एक ओर जहां कई पुराने चेहरे दिखेंगे, वहीं अफगानिस्तान जैसे एसोसिएट देशों के खिलाड़ी पहली बार इस लीग का हिस्सा होंगे. इन सबके बीच कुछ ऐसे भारतीय खिलाड़ी भी होंगे, जिन्होंने अपने प्रदर्शन के दम पर सभी की निगाहें अपनी ओर खिंची है.
* गौतम गंभीर, (कोलकाता नाइटराइडर्स)
लीग में कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) की टीम दो बार चैंपियन रह चुकी है और इसका पूरा श्रेय दिल्ली के इस बायें हाथ के बल्लेबाज गौतम गंभीर को जाता है. 2011 में सौरव गांगुली से टीम की कमान लेनेवाले गंभीर ने अपने नेतृत्व से टीम को शीर्ष तक पहुंचाने में मदद की. वह लीग के दूसरे सबसे सफल कप्तान हैं. उनकी कप्तानी में केकेआर ने 105 में से 61 मैचों में जीत दर्ज की है.
* विराट कोहली (आरसीबी)
भारतीय कप्तान विराट कोहली को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गयी टेस्ट सीरीज में रन बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा, लेकिन दुनिया के सबसे अधिक यह ‘मार्केटेबल’ खिलाड़ी अपनी छाप छोड़ने को तैयार है. पिछले वर्ष लीग के नौवें सत्र में सबसे अधिक रन बनानेवालों में शामिल कोहली ने 950 से अधिक रन बनाये थे. उनकी अगुआई में रॉयल चैलेंजर्स बंगलौर पहली बार खिताब जीतने को तैयार है.
* आशीष नेहरा (सनराइजर्स हैदराबाद)
आशीष नेहरा के करियर पर निगाह डाली जाये, तो इसमें कई उतार-चढ़ाव नजर आयेंगे. सौरव गांगुली की कप्तानी में नेहरा ने अपनी गेंदबाजी की छाप छोड़ी, लेकिन धीरे-धीरे लोग उन्हें भूलने लगे. बाद में सीएसके की ओर से खेलते हुए उन्होंने वापसी की और 2015 के संस्करण में नेहरा ने 22 विकेट लेकर फिर से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है.
* एमएस धौनी (पुणे सुपरजायंट्स)
आइपीएल के इतिहास के सबसे सफल कप्तान रहे हैं धौनी. धौनी जब चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) के कप्तान थे, तब उन्होंने अपनी टीम को दो बार (2010 व 2011) में चैंपियन, जबकि चार बार (2008, 2012, 2013 व 2015) उप विजेता बनाया. हालांकि पिछले वर्ष राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स में जाने के बाद उनका वह ‘करिश्मा’ काम नहीं आया और पुणे की टीम अंक तालिका में अंतिम दो पायदान पर रही. इस वर्ष हालांकि वह टीम की कप्तानी नहीं करेंगे, लेकिन टीम के फ्रेंचाइजी ने कहा है कि टीम में उनका रोल काफी अहम होगा.
* रोहित शर्मा (मुंबई इंडियंस)
रोहित ने मुंबई इंडियंस के लिए वह कर दिखाया है, जो टीम के कप्तान रहते हुए मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर नहीं कर सके थे. रोहित शर्मा ने 2013 और 2015 में मुंबई इंडियंस को दो बार चैंपियन बनने में मदद की. एकदिवसीय क्रिकेट की एक पारी में सबसे अधिक 264 रन का रिकॉर्ड बनानेवाले रोहित शर्मा मुंबई इंडियंस की बैटिंग का ‘केंद्र’ हैं. पिछले साल अक्तूबर में चोटिल होने के बाद वह वापसी करेंगे.
* रिषभ पंत (दिल्ली डेयरडेविल्स)
उत्तराखंड का यह युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज भारतीय क्रिकेट का भविष्य है. पिछले वर्ष बांग्लादेश में खेले गये अंडर-19 विश्व कप में नेपाल के विरुद्ध अर्द्धशतक और नामीबिया के खिलाफ शतक से पंत ने चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया. इस वर्ष रणजी ट्रॉफी में दिल्ली की ओर से खेलते हुए पंत ने झारखंड के खिलाफ दोनों पारियों में शतक जमा कर अपनी उपयोगिता साबित की है.