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ऐसे होती है मैच की फिक्सिंग!

मुंबई : बिंदू दारा सिंह के स्पॉट फिक्सिंग मामले में सामने आने के बाद यह तय हो गया है कि फिक्सिंग के इस जाल में जो क्रि केट नहीं खेल रहे, उनके हाथ भी काले हैं. सवाल यह खड़ा होता है कि सट्टेबाजी का यह धंधा आखिर होता कैसे है या फिर बुकी अपने काम […]

मुंबई : बिंदू दारा सिंह के स्पॉट फिक्सिंग मामले में सामने आने के बाद यह तय हो गया है कि फिक्सिंग के इस जाल में जो क्रि केट नहीं खेल रहे, उनके हाथ भी काले हैं.

सवाल यह खड़ा होता है कि सट्टेबाजी का यह धंधा आखिर होता कैसे है या फिर बुकी अपने काम को कैसे अंजाम देते हैं. फिक्सिंग का यह धंधा काफी समय से चल रहा है. आइपीएल ही नहीं आइपीएल की सट्टेबाजी भी करोड़ों का धंधा बन चुकी है. इसके लिये बुकी को देश भर में टेलीफोन बैटिंग एक्सचेंज स्थापित करना पड़ता है.

क्या होता है बैटिंग टेलीफोन एक्सचेंज

एक सट्टेबाजी टेलीफोन एक्सचेंज में 400 से 500 लाइन फोन होती है, जो छुटभइए सट्टेबाजों के लिए होती है. जिसका कनेक्शन एक कांन्फ्रेंस कॉल से होता है. दोनों का लिंक स्टेडियम में चल रही रेडियो पर लाइव कमेंट्री से जुड़ा रहता है. गौरतलब है कि लाइव ऑडियो एक गेंद वीडियो या टीवी से पहले आंखो देखा हाल सुनाता है. मैच से पहले सट्टा शुरू मैच शुरू होने से पहले ही सट्टा लगना शुरू हो जाता है. गेंद दर गेंद सट्टे का भाव बदलता रहता है. मैच के नतीजे से लेकर मैच के हर पहलू पर सट्टा लगता है.

किस पर लगता है सट्टा –

टॉस कौन जीतेगा? – बल्लेबाज कैसे आउट होगा? – सेशन में कुल स्कोर क्या होगा? – गेंदबाज कितने रन देगा? (एक ओवर में या स्पेल में) – मैच का नतीजा क्या होगा? क्रि केट के अलावा भी लगता है सट्टा क्रि केट से अलग पहलुओं पर भी होता है सट्टेबाजी का खेल. जैसे कि – मैच में फ्लड लाइट बंद होगी या नहीं? – कितने खिलाड़ी सन ग्लासेस पहनेंगे? – क्या मैदान पर कोई कुत्ता या जानवर घुस आयेगा? आइपीएल पार्टीज में होती है फिक्सिंग बुकी के लिए खिलाडि़यों तक पहुंचने के लिए सबसे कारगर जरिया होती हैं आइपीएल की पार्टियां. यहां वह उनसे बातचीत करने के साथ ही उनको फिक्सिंग का लालच भी दे सकते हैं. बुकी के मुताबिक खेल के बीच में लिया जानेवाला स्ट्रेटिजिक टाइम आउट उनके लिये काफी कारगार साबित होता है.

स्मार्टफोन हैं बुकी के मददगार बुकी के लिए मददगार होते हैं एंड्रायड एप्प और आइफोंस. पुलिस से बचने के लिए सौदे की बात इंटरनेट के ओवर प्रोटोकॉल के जरिये होती है. सट्टेबाजी में अंडरवर्ल्ड का साया सट्टेबाजी का ज्यादातर कामकाज अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम देखता है. दाऊद इब्राहिम के डी गैंग का इसमें बहुत दखल है. यही नहीं सूत्रों की मानें तो फिक्सिंग न करने पर खिलाडि़यों को यह गैंग धमकी भी देती है.

दाउद का फिक्सिंग कनेक्शन –

दाऊद के भाई अनीस इब्राहिम को सट्टेबाजी से जुड़े सारे काम देखने होते हैं. – ज्यादातर बुकी गुजरात, राजस्थान,गोवा में रहते हैं. – रु पया पहुंचान के लिए दाऊद का दो दशक पुराना तरीका (हवाला) इस्तेमाल होता है. – कुछ बड़े बुकी के नाम हैं- शोभन मेहता, कुशल, सुनील अभीचंदानी, मूसा पायक आदि.

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