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गंभीर ने कहा,अब भी अच्छा प्रदर्शन करने की भूख बाकी

नयी दिल्ली : आगामी न्यूजीलैंड दौरे के लिये अनदेखी किये जाने से फार्म से जूझ रहे सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर परेशान नहीं हैं, उन्होंने कहा कि उनके अंदर अब भी अच्छा प्रदर्शन करने की भूख बाकी है और वह राष्ट्रीय टीम में वापसी के लिये कड़ी मशक्कत करेंगे. गंभीर ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘यह […]

नयी दिल्ली : आगामी न्यूजीलैंड दौरे के लिये अनदेखी किये जाने से फार्म से जूझ रहे सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर परेशान नहीं हैं, उन्होंने कहा कि उनके अंदर अब भी अच्छा प्रदर्शन करने की भूख बाकी है और वह राष्ट्रीय टीम में वापसी के लिये कड़ी मशक्कत करेंगे.

गंभीर ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘यह सचाई है कि मैं न्यूजीलैंड के लिये चुनी गयी टीम में नहीं हूं. मैं चुने गये सभी 16.17 खिलाड़ियों को दौरे के लिये शुभकामना देता हूं. जैसा कि मैंने हमेशा कहा है कि मैं वापसी के लिये नहीं खेलता. मैं मैच खेलता हूं क्योंकि मेरे अंदर अब भी अच्छा प्रदर्शन करने की भूख बाकी है. ’’उन्होंने कहा, ‘‘मैं उस टीम का हिस्सा होना चाहता हूं जो इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में टेस्ट श्रृंखला जीते. इसी से ही मुझे प्रेरणा मिलती है, मेरे 54 टेस्ट में हमने केवल न्यूजीलैंड में एक सीरीज जीती थी और दक्षिण अफ्रीका में ड्रा खेला था.’’

वह टीम में वापसी के लिये कड़ी मशक्कत करने को प्रतिबद्ध हैं लेकिन वह अपनी वापसी के लिये सपाट पिचों पर ज्यादा रन जुटाने का तरीका नहीं अपनाना चाहते. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कभी भी क्रिकेट स्वार्थी कारणों से नही खेलता जैसे वापसी के लिये सपाट पिचों पर 800..900 रन बनाना. यह प्रत्येक व्यक्ति पर निर्भर करता है और मैं उन खिलाड़ियों में शामिल नहीं हूं जो चुनौती से मुंह मोड़ते हैं. ’’

गंभीर ने कहा, ‘‘दिल्ली की टीम को जीत की जरुरत थी और मैंने सपाट पिच के बजाय रोशनआरा की हरियाली पिच पर खेलने पर जोर दिया. अगर मैं सपाट पिच पर खेला होता तो मैं भी 900 रन के करीब बना सकता था. मैंने कभी भी इस तरह से क्रिकेट नहीं खेला जो स्वार्थी तरीके हैं. ’’

इस 31 वर्षीय ने इस रणजी सत्र में 578 रन जुटाये हैं, जिसमें रोशनआरा की हरियाली पिच पर हरियाणा के खिलाफ 153 रन उनका शीर्ष स्कोर रहा, इससे तुरंत पहले दक्षिण अफ्रीका के लिये टेस्ट टीम की घोषणा की गयी थी. गंभीर ने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की टिप्पणी कि वह देश में अब भी तीसरे सलामी बल्लेबाज हैं, पर कोई प्रतिक्रिया करना ठीक नहीं समझा.

उन्होंने कहा, ‘‘सच कहूं तो मैं नहीं जानता कि मैं एक, दो, तीन या फिर अंतिम सलामी बल्लेबाज हूं. मैं जानता हूं कि मेरा काम रन जुटाना है और मैं ऐसा करना जारी रखूंगा. मैं मैदान पर हमेशा आक्रामक रहता हूं. मैं हमेशा जीत दर्ज करना चाहता हूं क्योंकि मेरे लिये यही मायने रखता है.’’

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