नयी दिल्ली : भारत और श्रीलंका के बीच 12 फरवरी को होने वाला दूसरा ट्वेंटी.20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच अब दिल्ली के बजाय रांची में होगा क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय के कडे रुख के बाद डीडीसीए ने इस मैच के आयोजन करने में असमर्थता जतायी है. बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने बयान में कहा, ‘‘श्रीलंका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के तीन मैचों की श्रृंखला का दूसरा ट्वेंटी.20 मैच दिल्ली के बजाय रांची में खेला जाएगा.
‘ श्रृंखला के अन्य दो मैच नौ फरवरी को पुणे और 14 फरवरी को विशाखापट्टनम में खेले जाएंगे. इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) को अस्थायी अधिभोग प्रमाण पत्र जारी करने के लिये दिल्ली नगर निगम को निर्देश देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद तय हो गया था कि यह मैच फिरोजशाह कोटला में नहीं हो पाएगा.
डीडीसीए के कार्यवाहक अध्यक्ष चेतन चौहान ने कहा ,‘‘ हमने बीसीसीआई को सूचित कर दिया है कि हमें समय रहते एमसीडी से जरुरी मंजूरी नहीं मिल सकेगी. हमने बीसीसीआई अधिकारियों को सूचित कर दिया है कि हमारे पास टी20 विश्व कप के लिये सभी जरुरी दस्तावेज हैं लेकिन 12 फरवरी के मैच से पहले राज्य के दमकल और इलेक्ट्रिकल विभाग से मंजूरी मिलना मुश्किल होगा.’
उन्होंने कहा ,‘‘ हमने इतने कम समय में मैच के आयोजन की कोशिश की लेकिन एमसीडी की सारी शर्ते पूरी नहीं कर सकेंगे. यह तय है कि हम विश्व कप के लिये तैयार हैं.’ चौहान ने इससे भी इनकार किया कि डीडीसीए अधिकारी और बीसीसीआई टूर एवं फिक्चर्स समिति के सदस्य मनजीत सिंह ने सचिव अनुराग ठाकुर को गलत सूचना दी थी कि उन्होंने सारी मंजूरियां हासिल कर ली है.
इससे पहले सुबह उच्च न्यायालय ने पीओसी जारी करने के लिये दिल्ली नगर निगम को निर्देश जारी करने से इन्कार कर दिया था जिसके बाद डीडीसीए ने याचिका वापिस ले ली. न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और विभु बाखरु की पीठ ने डीडीसीए के अनुरोध को खारिज करते हुए कहा कि अदालत अपने पिछले आदेश में साफ तौर पर कह चुकी है कि संघ को सारी जरुरी मंजूरी मिलने तक स्टेडियम में कोई मैच नहीं हो सकते.
पिछले साल 18 नवंबर को अदालत ने एसडीएमसी को पीओसी जारी करने का निर्देश देकर भारत और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच के आयोजन का मार्ग प्रशस्त किया था. अदालत ने हालांकि उस समय कहा था कि डीडीसीए को दिल्ली शहरी कला आयोग और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से जरुरी मंजूरी, भूमि और विकास कार्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र और एसडीएमसी से कार्य पूर्ण होने का प्रमाण पत्र 31 मार्च से पहले हासिल करना होगा.
पीठ ने कहा ,‘‘ यह स्पष्ट है कि हम पीओसी के लिये निर्देश जारी करने नहीं जा रहे हैं. 31 मार्च की समय सीमा होने का यह मतलब नहीं है कि आप जरुरी मंजूरी के बिना मैच कराते रहेंगे. यह 2011 से हो रहा है. हर मैच से पहले आपको इस आदेश की जरुरत पड़ती है. हम 18 नवंबर 2015 के फैसले की समीक्षा नहीं करेंगे.’ अदालत के मूड को भांपते हुए डीडीसीए के वकील संग्राम पटनायक ने याचिका वापिस लेने की पेशकश की जो अदालत ने स्वीकार कर ली.