चेन्नई : स्टार इंडिया प्रा लि को आज तीन साल के लिये भारतीय क्रिकेट टीम के प्रायोजन अधिकार सौंप दिये गये. इससे पहले मौजूदा प्रायोजक सहारा की बोली को बीसीसीआई ने अयोग्य घोषित कर दिया था.
बीसीसीआई सचिव संजय पटेल ने बोर्ड की मार्केटिंग कमेटी की बैठक के बाद बयान में कहा, स्टार इंडिया प्रा लि को एक जनवरी 2014 से 31 मार्च 2017 तक के लिये टीम के प्रायोजन अधिकार दिये गये हैं. इसमें बीसीसीआई, आईसीसी और एसीसी की प्रतियोगिताएं शामिल होंगी.
उन्होंने कहा, अधिकारों में आधिकारिक टीम प्रायोजक कहलाने तथा सीनियर पुरुष क्रिकेट टीम, अंडर . 19 पुरुष क्रिकेट टीम, पुरुष ए टीम और महिलाओं की टीम की पोशाक पर व्यावसायिक लोगो लगाने के अधिकार शामिल हैं. भारतीय टीम इस महीने के बाद बिना प्रायोजक के हो जाती क्योंकि सहारा ने कुछ महीने पहले बीसीसीआई के साथ वित्तीय विवाद का हवाला देकर हटने का फैसला किया था.
बीसीसीआई की विज्ञप्ति में हालांकि स्टार के साथ करार की राशि नहीं बतायी गयी है लेकिन पता चला है कि बोर्ड द्वारा आयोजित प्रत्येक मैच के लिये यह 1.92 करोड़ रुपये होगी. पटेल ने कहा, निविदा दस्तावेज 11 नवंबर 2013 से उपलब्ध थे और सात संभावित दावेदारों ने उन्हें लिया. नौ दिसंबर 2013 को तीन बजे तक बोलियां स्वीकार की गयी. स्टार इंडिया प्रा लि और सहारा इंडिया फाइनेन्सियल कारपोरशन दावेदारों में शामिल थे. सहारा की बोली अयोग्य पायी गयी. सहारा ने हालांकि दावा किया कि उसकी बोली इसलिए अयोग्य करार दी गयी क्योंकि बोर्ड के साथ आईपीएल फ्रेंचाइजी को लेकर उसका विवाद चल रहा है.
सहारा कारपोरेट कम्युनिकेशन्स के प्रमुख अभिजीत सरकार ने कहा, यदि कुछ गड़बड़ थी तो उन्होंने शुरु में ही हमें अयोग्य घोषित क्यों नहीं किया. यह साफ था कि सारी चीजें पहले से तय थी. उन्होंने कहा कि सहारा ने सबसे बड़ी बोली लगायी थी लेकिन बोर्ड ने बदले के तहत उन्हें अधिकार नहीं सौंपे.
पता चला है कि सहारा ने बीसीसीआई के प्रत्येक मैच के लिये 2.35 करोड़ रुपये तथा आईसीसी मैच के लिये 91 लाख रुपये की बोली लगायी थी. उनकी कुल बोली की राशि 252 करोड़ रुपये थी जबकि इसके विपरीत स्टार की बोली की राशि 203 करोड़ रुपये है. पटेल ने कहा कि स्टार के पास मार्च 2018 तक भारत में प्रसारण, इंटरनेट और मोबाइल अधिकार भी रहेंगे.
उन्होंने कहा, स्टार अक्तूबर 2013 से मार्च 2014 तक बीसीसीआई के अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मैचों का टाइटल प्रायोजक भी रहेगा. इसके साथ जुलाई 2012 से मार्च 2018 तक के लिये भारत में प्रसारण, इंटरनेट और मोबाइल अधिकार भी उसके पास हैं. पटेल ने कहा, स्टार को क्रिकेट की गहरी समझ है और वह समझता है कि देश के लिये इसके क्या मायने हैं. हम उनके साथ अपनी साझेदारी आगे बढ़ाकर खुश हैं.
प्रायोजन अधिकारों के लिये बीसीसीआई ने निविदा जारी करते हुए प्रत्येक मैच का आधार मूल्य 1.5 करोड़ रुपये रखा था. सहारा 2010 से प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय मैच के लिये 3.34 करोड़ रुपये दे रहा था. उसने तब प्रायोजन की दौड़ में एयरटेल को पीछे छोड़ा था. उस समय बीसीसीआई ने आधार मूल्य 2.5 करोड़ रुपये रखा था.