नयी दिल्ली : एन श्रीनिवासन ‘काफी खुश’ हैं कि उच्चतम न्यायालय ने आज उन्हें बीसीसीआई अध्यक्ष के रुप में पदभार ग्रहण करने की स्वीकृति दे दी और उन्होंने कहा कि क्रिकेट बोर्ड को अपने संचालन के लिए किसी की जरुरत थी.
श्रीनिवासन ने न्यायालय के आदेश के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुङो लगता है कि उच्चतम न्यायलय ने कहा है कि मैं कार्य करना दोबारा शुरु कर सकता हूं और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकता हूं. इसलिए मैं काफी खुश हूं क्योंकि बीसीसीआई को किसी की जरुरत थी.’’
उच्चतम न्यायालय ने साथ ही पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मुकुल मुदगल की अध्यक्षता के जांच पैनल का भी गठन किया जो आईपीएल में सट्टेबाजी और स्पाट फिक्सिंग की जांच करेगा. श्रीनिवासन हालांकि नई समिति के गठन से अधिक चिंतित नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘‘नई समिति पर कुछ कोई टिप्पणी नही करनी, उच्चतम न्यायालय ने सीधे इसका गठन किया है. मैं इसका हिस्सा नहीं हूं. मेरा इससे कुछ लेना देना नहीं है.’’न्यायालय ने जांच पैनल को अपनी जांच चार महीने के भीतर पूरी करने को कहा है. साथ ही बीसीसीआई और श्रीनिवासन को जांच में हस्तक्षेप नहीं करने का निर्देश भी दिया गया है.
समिति गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रायल्स के मालिकों की जांच करेगी और आईपीएल फ्रेंचाइजियों पर रिपोर्ट सौंपेगी. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि श्रीनिवासन तब तक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकते हैं जब तक कि वह आईपीएल से संबंधित किसी मामले से नहीं जुड़ें. वरिष्ठ अधिवक्ता और अतिरिक्त सालीसिटर जनरल एन नागेश्वर राव और असम क्रिकेट संघ के सदस्य निलय दत्ता जांच समिति के दो अन्य सदस्य हैं.