नयी दिल्ली: आसमान को छूने की तमन्ना रखने वाले ललित मोदी का भारतीय क्रिकेट में कार्यकाल इतना नाटकीयता भरा रहा जिससे यह साबित होता है कि जिंदगी वाकई उतार चढाव से भरी है जिसमें आदमी पल में अर्श से फर्श पर आ गिरता है. इंडियन प्रीमियर लीग के जरिये विश्व क्रिकेट का चेहरा बदल देने वाले आईपीएल के पूर्व आयुक्त पिछले तीन साल से विवादों का सामना कर रहे हैं. उनके जीवन में आज एक और निराशाजनक मोड़ आया जब बीसीसीआई ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया क्योंकि बोर्ड की अनुशासन समिति ने उन्हें अनुशासनहीनता और अनियमितता के आठ आरोपों का दोषी पाया था.
भारतीय क्रिकेट में उनका आना भी उतना ही नाटकीय था जितना कि उनका निष्कासन.यह कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि मोदी की आईपीएल ने विश्व क्रिकेट में बीसीसीआई को आर्थिक महाशक्ति बनाया. पारंपरिक क्रिकेट के मुरीद जहां इसकी आलोचना करते रहे वहीं आईसीसी को टेस्ट और वनडे क्रिकेट का वजूद बनाये रखने के लिये जूझना पड़ा. मोदी ने 2008 में विश्व क्रिकेट को आईपीएल दी जिससे फुटबाल और टेनिस के दबदबे वाले वैश्विक खेल मानचित्र में क्रिकेट को जगह बनाने में मदद मिली.