नयी दिल्ली: कैंसर को मात देकर क्रिकेट के मैदान पर सफल वापसी करके दुनिया भर के लोगों के लिये प्रेरणास्नेत बने युवराज सिंह का प्रदर्शन हालांकि इसके बाद उतार चढाव वाला रहा लेकिन नये सत्र के अपने पहले मैच में शतक जड़कर उन्होंने उम्मीद की नयी किरण जगायी है. युवराज ने कल बेंगलूर में भारत […]
नयी दिल्ली: कैंसर को मात देकर क्रिकेट के मैदान पर सफल वापसी करके दुनिया भर के लोगों के लिये प्रेरणास्नेत बने युवराज सिंह का प्रदर्शन हालांकि इसके बाद उतार चढाव वाला रहा लेकिन नये सत्र के अपने पहले मैच में शतक जड़कर उन्होंने उम्मीद की नयी किरण जगायी है.
युवराज ने कल बेंगलूर में भारत ए की तरफ से वेस्टइंडीज ए के खिलाफ 123 रन की धमाकेदार पारी खेलकर राष्ट्रीय टीम में वापसी का मजबूत दावा पेश किया है. उन्होंने पिछले दिनों अपनी फिटनेस पर जोर दिया और जहीर खान के साथ फ्रांस में फिटनेस ट्रेनिंग भी ली. उन्होंने अपनी इस ट्रेनिंग के बारे में कहा, ‘‘मैं मैदान पर हमेशा चपल रहा हूं और मैंने इन्हीं चीजों पर काम किया और मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं. ’’ युवराज ने कैंसर से उबरने के बाद पिछले साल अक्तूबर में वापसी की थी और हैदराबाद में उत्तर क्षेत्र की तरफ से मध्य क्षेत्र के खिलाफ दलीप ट्राफी मैच में 208 रन की आकर्षक पारी खेली थी.
युवराज हालांकि इसके बाद इस तरह का प्रदर्शन नहीं दोहरा पाये. उन्होंने इंग्लैंड एकादश के खिलाफ अभ्यास मैच में 59 और 14 रन बनाये. इससे उन्हें राष्ट्रीय टेस्ट टीम में वापसी का मौका मिल गया. इंग्लैंड के खिलाफ अहमदाबाद में पहले टेस्ट मैच में उन्होंने 74 रन की शानदार पारी खेली लेकिन इसके बाद अगली चार पारियों में शून्य, 8, 32 और 11 रन ही बना पाये और उन्हें टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया. पंजाब के इस बल्लेबाज को आखिर में रणजी ट्राफी में लौटना पड़ा. उन्होंने दिसंबर 2012 को मध्यप्रदेश के खिलाफ ग्वालियर में 39 और 131 रन की दो अच्छी पारियां खेली. इससे उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला के लिये टीम में चुन लिया गया.
पाकिस्तान के खिलाफ तीन मैचों में केवल 34 रन बनाने के बावजूद युवराज को इंग्लैंड के खिलाफ वनडे श्रृंखला में मौका दिया गया. उन्होंने राजकोट में पहले वनडे में 61 रन बनाये लेकिन भारत को जीत नहीं दिला पाये. इसके बाद उनका बल्ला नहीं चला तथा अगले चार मैचों में वह 32, 30, 3 और शून्य का स्कोर ही बना पाये. युवराज को आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के लिये टीम में जगह नहीं मिल पायी. वह इस बीच पंजाब की तरफ से विजय हजारे ट्राफी में दो मैच में खेले लेकिन दोनों में खाता नहीं खोल पाये. उन्होंने देवधर ट्राफी में उत्तर क्षेत्र की तरफ से हालांकि जो दो मैच खेले उन दोनों में उन्होंने अर्धशतक (नाबाद 77 और 67 ) जमाये.
उसके बाद बायें हाथ के इस बल्लेबाज को अब 50 ओवर का मैच खेलने का मौका मिला जिसमें उन्होंने धमाकेदार प्रदर्शन किया. युवराज ने कल 89 गेंद खेली तथा आठ चौके और सात छक्के लगाये.युवराज का ट्वेंटी . 20 में भी प्रदर्शन उतार चढाव वाला रहा. उन्होंने पिछले साल वापसी के बाद भारत की तरफ से दस टी20 मैच खेले जिसमें 224 रन बनाये तथा 15 विकेट लिये. बल्लेबाजी में उनका यादगार प्रदर्शन पाकिस्तान के खिलाफ अहमदाबाद में रहा जहां उन्होंने 72 रन बनाये थे. आईपीएल में हालांकि उनका बल्ला नहीं चला. युवराज ने पुणो वारियर्स की तरफ से 13 मैचों में 19.83 की औसत से केवल 238 रन बनाये जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 34 रन रहा.