प्रिटोरियाः कई स्टार खिलाडि़यों से सजी भारत ह्यएह्ण टीम त्रिकोणीय एकदिवसीय क्रिकेट सीरीज में गुरुवार को यहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैदान पर उतर कर दक्षिण अफ्रीका के महत्वपूर्ण दौरे की शुरुआत करेगी, जिसमें प्रत्येक खिलाड़ी अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन से चयनकर्ताओं को प्रभावित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा.
भारत की सीनियर टीम इस साल के आखिर में दक्षिण अफ्रीका का दौरा करेगी और इस लिहाज से चेतेश्वर पुजारा की अगुवाई वाली टीम का वर्तमान दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. यही वजह है कि चयनकर्ताओं ने टीम में पुजारा के अलावा शिखर धवन, रोहित शर्मा, अंजिक्य रहाणे, सुरेश रैना, मुरली विजय और दिनेश कार्तिक जैसे अनुभवी खिलाड़ी रखे हैं. भारतीय टीम इस दौरे की शुरुआत त्रिकोणीय सीरीज से करेगी, जिसमें ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका की टीमें भी शामिल हैं. इसके बाद वह दक्षिण अफ्रीका ह्यएह्ण के साथ दो अनधिकृत टेस्ट मैच खेलेगी. चयनकर्ताओं ने दौरे के लिए काफी मजबूत टीम चुनी है.
इसमें दस खिलाड़ी वही हैं, जो हाल में जिंबाब्वे दौरे पर गये थे. चयनकर्ता मुख्य रूप से दक्षिण अफ्रीका की तेज और उछाल लेनेवाली पिचों पर अपने युवा बल्लेबाजों को परखना चाहते हैं, ताकि वह नवंबर से शुरू होनेवाले सीनियर टीम के दौरे के लिए मजबूत टीम तैयार कर सके. ये सभी खिलाड़ी सीनियर टीम के उस दौरे के लिए टीम में जगह बनाने के दावेदार हैं.
पुजारा अभी भारत के सबसे सफल टेस्ट बल्लेबाज हैं, लेकिन विदेशी पिचों पर अभी उन्हें अपना जलवा दिखाना है. उठती हुई गेंदों के सामने वह कुछ कमजोर पड़ जाते हैं. इसके अलावा हुक करने के लालच में भी उन्हें अपना विकेट गंवाना पड़ता है. वह इस दौरे में अपनी इन दोनों कमजोरियों से पार पाने की कोशिश करेंगे. भारत के अन्य बल्लेबाजों विशेष कर रैना, धवन और मुरली विजय भी सीनियर टीम के दौरे के लिए अपनी दावेदारी मजबूत करने की कोशिश करेंगे. धवन सलामी बल्लेबाज के रूप में स्थापित हो चुके हैं, लेकिन रैना और विजय की तरह शॉर्ट पिच गेंदें उन्हें परेशान कर सकती हैं. रैना एकदिवसीय और टी-20 टीम के नियमित सदस्य हैं, लेकिन टेस्ट मैचों में उन्हें अब भी विश्वसनीय बल्लेबाज नहीं माना जाता है.
तकनीकी रूप से बेहद सक्षम माने जानेवाले रोहित शर्मा और रायडु के लिए भी यह दौरा महत्वपूर्ण होगा, जबकि रहाणे और मुरली दिखाना चाहेंगे कि वे विदेशी पिचों पर भी रन बना सकते हैं. दिनेश कार्तिक की निगाह विकेटकीपिंग से अधिक बल्लेबाज के रूप में खुद को स्थापित करने पर लगी रहेगी. उनके साथ दूसरे विकेटकीपर के तौर पर रिद्धिमान साहा शामिल हैं. ऑलराउंडर स्टुअर्ट बिन्नी को घरेलू स्तर और आइपीएल में अच्छे प्रदर्शन का इनाम मिला है. उन पर अपने चयन को सही साबित करने की जिम्मेदारी भी होगी. भारतीय गेंदबाजी विभाग काफी युवा है और विशेष कर तेज गेंदबाज यहां की अनुकूल परिस्थितियों में चयनकर्ताओं का ध्यान खींचने की कोशिश करेंगे. सिद्धार्थ कौल, मोहम्मद शमी, ईश्वर पांडेय, जयदेव उनादकट और बिन्नी के लिए यहां की पिचें मददगार साबित हो सकती हैं. उनादकट ने तीन साल पहले दक्षिण अफ्रीका की सरजमीं पर ही टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था, लेकिन उसके बाद उन्हें अगला अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का मौका हाल में जिंबाब्वे में मिला था.