नयी दिल्लीः इंडियन बैडमिंटन लीग की खिलाडि़यों की नीलामी से नाराज होनेवाले खिलाडि़यों की तादाद में लगातार इजाफा होता जा रहा है. अभी तक तो नीलामी में भाव घटाने को लेकर भारतीय महिला खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोन्नपा नाराज दिख रही थीं, लेकिन अब नाराज होनेवाले खिलाडि़यों में डेनमार्क के माथियास बो भी शामिल हो गये हैं. दुख की बात तो यह है कि आइबीएल में नीलामी करने के नाम पर उन्हें भारत बुलाया गया और यहां बुला कर उन्हें नीलामी की प्रक्रिया में शामिल ही नहीं किया गया. इस वजह से वे काफी नाराज हैं और अब यहां तक यह कहने में भी गुरेज नहीं कर रहे हैं कि अब वे कभी भारत नहीं आयेंगे.
हमवतन कार्सटन मोगेनसन के साथ मिल कर 2011 में ऑल इंग्लैंड सुपर सीरीज जीतनेवाले बो का आधार मूल्य 50000 डॉलर था, लेकिन उन्हें किसी ने नहीं खरीदा. लंदन ओलिंपिक के पुरुष युगल के रजत विजेता बो ने कहा कि अगले साल होनेवाला थॉमस कप भारत में उनका अंतिम टूर्नामेंट होगा. बो ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा, ह्यआइबीएल में नहीं बिका. मैं निराश हूं, क्योंकि मैंने शुरू से ही टूर्नामेंट का समर्थन किया था और इसमें हिस्सा लेने के लिए राष्ट्रीय टीम से लगभग हट ही गया था.ह्ण उन्होंने कहा, ह्यअगले साल थॉमस कप के बाद मैं कभी भारत में दोबारा कदम नहीं रखूंगा और उनके किसी टूर्नामेंट का समर्थन नहीं करूंगा.ह्ण
भारतीय खिलाड़ी मालामाल
दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी ली चोंग वेई इंडियन बैडमिंटन लीग (आइबीएल) की खिलाडि़यों की नीलामी में भले ही सबसे महंगे खिलाड़ी रहे हों, लेकिन भारतीय खिलाडि़यों को इस नीलामी से सबसे अधिक फायदा हुआ, जिन पर फ्रेंचाइजियों ने 8,61,000 डॉलर खर्च किये. छह फ्रेंचाइजियों ने भारतीय खिलाडि़यों पर विदेशी खिलाडि़यों की तुलना में 96500 डॉलर अधिक खर्च किये.