पोर्ट आफ स्पेन : कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर में से एक होने का एक और नजारा पेश करते हुए कल यहां त्रिकोणीय श्रृंखला के रोमांचक फाइनल में भारत को श्रीलंका पर एक विकेट की जीत दिला दी.भारत ने श्रीलंका को 201 रन पर समेटने के बाद कुछ विषम परिस्थितियों से उबरते हुए धोनी (52 गेंद में 45 रन) की नाबाद पारी की मदद से दो गेंद शेष रहते नौ विकेट पर 203 रन बनाकर मैच जीत लिया. श्रीलंका के 202 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को क्वींस पार्क ओवल में अंतिम ओवर में जीत के लिए 15 रन की दरकार थी और ऐसे में मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या से उबरकर टीम में वापसी करने वाले धोनी ने शमिंदा इरांगा पर दो छक्के और एक चौका जड़कर चार गेंद में ही भारत को जीत दिला दी.
चैम्पियन्स ट्राफी विजेता भारत ने इस तरह 50 ओवर के प्रारुप में अपना दबदबा जारी रखा है.
सलामी बल्लेबाज रोहित ने इस बीच अर्धशतक भी पूरा किया लेकिन हेराथ की नीची रहती गेंद पर बोल्ड हो गए. हेराथ ने इससे पहले कार्तिक को भी स्लिप में महेला जयवर्धने के हाथों कैच कराया था.
हेराथ ने अपने अंतिम ओवर में रविंद्र जडेजा (05) और रविचंद्रन अश्विन (00)को पवेलियन भेजकर 38 ओवर में भारत का स्कोर सात विकेट पर 152 रन कर दिया. धोनी ने इसके बाद जिम्मेदारी भरी पारी खेली. उन्होंने मलिंगा की फुलटास को डीप मिडविकेट पर चार रन के लिए भेजने के बाद मैथ्यूज पर भी चौका जड़ा. इस बीच मलिंगा ने भुवनेश्वर कुमार (00) जबकि मैथ्यूज ने आर विनयकुमार (05) को पवेलियन भेजा लेकिन धोनी ने 11वें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए इशांत शर्मा (नाबाद 02)के साथ मिलकर टीम को लक्ष्य तक पहुंचा दिया.
इससे पहले श्रीलंका ने अपने अंतिम आठ विकेट सिर्फ 30 रन जोड़कर गंवाए जिससे टीम 201 रन पर सिमट गई. श्रीलंका एक समय 38वें ओवर में दो विकेट पर 171 रन बनाकर मजबूत स्थिति में थी लेकिन 48 . 5 ओवर में आल आउट हो गई. टास जीतकर क्षेत्ररक्षण चुनने का धोनी का फैसला सही साबित हुआ. शानदार फार्म में चल रहे तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने श्रीलंका के दोनों सलामी बल्लेबाजों को 14वें ओवर तक पवेलियन भेज दिया जब स्कोर बोर्ड पर 49 रन टंगे थे.
श्रीलंका के लिये संगकारा ने 100 गेंद में छह चौकों और एक छक्के की मदद से 71 रन बनाये जबकि लाहिरु तिरिमाने ने 72 गेंद में 46 रन बनाये. भारत के लिये रविंद्र जडेजा ने 7.5 ओवर में 23 रन देकर चार विकेट लिये जबकि भुवनेश्वर, आर अश्विन और ईशांत शर्मा को दो दो विकेट मिले. श्रीलंका का पहला विकेट सातवें ओवर की आखिरी गेंद पर गिरा जब उपुल थरंगा ( 11 ) ने भुवनेश्वर की गेंद पर विकेट के पीछे धोनी को कैच थमाया. अनुभवी बल्लेबाज महेला जयवर्धने (22) को भी भुवनेश्वर ने ही पवेलियन भेजा जो अश्विन को कैच देकर लौटे. दो विकेट 49 रन पर गिरने के बाद संगकारा और तिरिमाने ने तीसरे विकेट के लिये 122 रन की साझेदारी की.
इस साझेदारी को ईशांत ने 38वें ओवर में तोड़ा जब तिरिमाने लेग स्टम्प से बाहर जाती गेंद पर भुवनेश्वर को कैच देकर पवेलियन लौटे. उन्होंने 72 गेंद की अपनी पारी में चार चौके लगाये. स्कोर में तीन रन और जुड़े थे कि संगकारा भी रवाना हो गए. स्पिनर आर अश्विन की गेंद पर मिडआन में विनय कुमार ने उनका कैच लपका. इसके बाद श्रीलंका का कोई बल्लेबाज टिककर नहीं खेल सका और न ही बड़ी साझेदारी बनी. अश्विन ने 40वें ओवर में ही एक और विकेट चटकाते हुए कु शाल परेरा को आउट किया जो आगे बढ़कर खेलने के प्रयास में चूके और धोनी ने स्टंपिंग करने में कोई गलती नहीं की.
टूर्नामेंट के पहले मैच में चोटिल होने के बाद धोनी ने फाइनल में वापसी की है. जडेजा ने निचले क्रम को समेटा. उन्होंने सबसे पहले दिनेश चांदीमल को अश्विन के हाथों लपकवाया. उस समय स्कोर 43वें ओवर में 183 रन था. कप्तान मैथ्यूज दस रन बनाकर ईशांत की गेंद पर विनय को कैच देकर लौटे. जडेजा ने रंगाना हेराथ (5 ) और लसिथ मलिंगा (00 )को 47वें ओवर की पहली और तीसरी गेंद पर आउट किया. हेराथ को धोनी ने स्टम्प आउट किया जबकि मलिंगा ने भुवनेश्वर को कैच थमाया. श्रीलंका का आखिरी विकेट सुरंगा लकमल के रुप में गिरा जो धोनी की स्टंपिंग का शिकार हुये.