अहमदाबाद : युवा बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के शतक और शीर्ष क्रम के अन्य बल्लेबाजों के उपयोगी योगदान से विशाल स्कोर खडा करने वाले मौजूदा चैंपियन कर्नाटक ने आज यहां पंजाब को एकतरफा फाइनल में 156 रन से करारी शिकस्त देकर विजय हजारे ट्रॉफी एकदिवसीय क्रिकेट टूर्नामेंट में अपना खिताब बरकरार रखा.
अग्रवाल ने दिन रात्रि के इस मैच में 100 गेंदों पर दस चौकों और तीन छक्कों की मदद से 125 रन बनाये. उन्होंने रोबिन उथप्पा (81 गेंदों पर 87 रन) के साथ पहले विकेट के लिये 162 रन की साझेदारी की. बाद में करुण नायर ने 71 गेंदों पर 86 रन बनाये, जिसमें आठ चौके और एक छक्का शामिल है. उन्होंने मनीष पांडे (40 रन) के साथ तीसरे विकेट के लिये 87 रन जोडे जिससे पहले बल्लेबाजी का न्यौता पाने वाले कर्नाटक ने सात विकेट पर 359 रन का विशाल स्कोर खडा किया.
इसके जवाब में पंजाब की पूरी टीम 38.2 ओवर में 203 रनों पर ढेर हो गयी. उसकी तरफ से केवल मनदीप सिंह (76) ही गेंदबाजों का अच्छी तरह से सामना कर पाये. अभिमन्यु मिथुन कर्नाटक के सबसे सफल गेंदबाज रहे. उन्होंने 37 रन देकर तीन विकेट लिये. स्टुअर्ट बिन्नी ने दो जबकि कप्तान आर विनयकुमार, एस अरविंद और अपना पहला मैच खेल रहे जे सुचित ने एक एक विकेट हासिल किया.
बडे लक्ष्य का पीछा करने के लिये उतरे पंजाब की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने तीसरे ओवर में मनन वोहरा (पांच) का विकेट गंवा दिया. मनदीप और अमितोज सिंह (46) दूसरे विकेट के लिये 82 रन जोड़कर कुछ उम्मीद जगायी लेकिन यह साझेदारी टूटते ही विकेट गिरने का क्रम शुरु हो गया जिससे कर्नाटक की जीत सुनिश्चित हो गयी.
अमितोज साथी बल्लेबाज के साथ गफलत के कारण रन आउट हुए. उनका स्थान लेने के लिये उतरे युवराज सिंह से पंजाब को काफी उम्मीद थी लेकिन बायें हाथ का यह बल्लेबाज एस अरविंद की शार्ट पिच गेंद को पुल करके कैच देकर पवेलियन लौट गया. उन्होंने 25 गेंदों पर 23 रन बनाये और तीन चौके लगाये.
गुरकीरत सिंह (एक) और तरुवर कोहली (दो) भी आते ही पवेलियन लौट गये और ऐसे में मनदीप भी दबाव में आकर बिन्नी की गेंद पर बोल्ड हो गये. उन्होंने 81 गेंद खेली तथा सात चौके और एक छक्का लगाया. टीम को कप्तान हरभजन सिंह से चमत्कार की उम्मीद थी लेकिन वह गेंदबाजी की तरह बल्लेबाजी में भी नाकाम रहे और केवल दस रन बनाकर पवेलियन लौटे.
इससे पहले कर्नाटक के शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों ने शानदार खेल का नजारा पेश किया. पंजाब के गेंदबाजों ने आखिरी क्षणों में विकेट निकाले लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. कर्नाटक ने अपने आखिरी पांच विकेट अंतिम तीन ओवरों में 25 रन के अंदर गंवाये. पंजाब की तरफ से बलतेज सिंह और संदीप शर्मा ने तीन-तीन विकेट लिये. हरभजन ने आठ ओवरों में 61 रन और युवराज ने नौ ओवरों में 49 रन दिये.
अग्रवाल और उथप्पा ने शुरु से ही आक्रामक तेवर अपनाये. अग्रवाल ने जहां पारी के छठे ओवर में ही सिद्धार्थ कौल की गेंद छक्के के लिये भेजी वहीं उथप्पा ने संदीप शर्मा पर लगातार तीन चौके जडे. अग्रवाल ने हरभजन का स्वागत छक्के से किया और इसके साथ ही वह 50 रन पर भी पहुंचे. इससे पहले उथप्पा ने लिस्ट ए में अपना 29वां अर्धशतक पूरा किया था.
हरभजन अपनी ऑफ स्पिन का जादू नहीं दिखा पाये और उथप्पा ने भी उनके लगातार ओवरों में छक्के जडे जिससे पंजाब के कप्तान को खुद को गेंदबाजी से हटाकर युवराज को आक्रमण पर लगाना पड़ा. युवराज ने शुरु में काफी कसी हुई गेंदबाजी की और इस बीच उथप्पा ने दूसरे छोर से गेंदबाज रहे बलतेज की गेंद पर मिडविकेट पर कैच थमा दिया. उन्होंने अपनी पारी में नौ चौके और दो छक्के लगाये.
अग्रवाल ने युवराज पर लांग ऑफ पर छक्का लगाकर अपना स्कोर 90 रन के पार पहुंचाया और फिर इसी गेंदबाज के अगले ओवर में लिस्ट ए में अपना तीसरा शतक पूरा किया. उन्हें आखिर में संदीप शर्मा ने स्क्वायर लेग पर कैच कराया. नायर जब 34 रन पर थे तब युवराज ने बलतेज की गेंद पर उनका आसान कैच छोडा और इस 22 वर्षीय बल्लेबाज ने इसका पूरा फायदा उठाकर तेजतर्रार पारी खेली और लिस्ट ए में अपना सातवां अर्धशतक जमाया.