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धौनी छोड़ सकते हैं टेस्‍ट टीम की कप्‍तानी!

लंदन: इंग्‍लैंड से मिली करारी हार के बाद अब भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी पर कप्‍तानी का खतरा मंडराने लगा है. धौनी से जब पूछा गया कि क्या वह विदेशी सरजमीं पर एक और टेस्ट श्रृंखला में मिली हार के बाद कप्तानी छोड़ने को तैयार हैं तो उन्होंने खुलकर जवाब दिया. इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा […]

लंदन: इंग्‍लैंड से मिली करारी हार के बाद अब भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी पर कप्‍तानी का खतरा मंडराने लगा है. धौनी से जब पूछा गया कि क्या वह विदेशी सरजमीं पर एक और टेस्ट श्रृंखला में मिली हार के बाद कप्तानी छोड़ने को तैयार हैं तो उन्होंने खुलकर जवाब दिया.

इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा श्रृंखला में मिली 1-3 की करारी शिकस्त के बाद जब उनसे पूछा गया कि क्या वह टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बारे में विचार कर रहे हैं तो धौनी ने उत्तर दिया, आपको यह पता करने के लिये इंतजार करना होगा कि मैं इस शिकस्त से उबरने के लिये मजबूत हूं या नहीं.

क्या उन्होंने बतौर भारतीय टेस्ट कप्तान काफी काम किया है तो धौनी ने एक पंक्ति का जवाब दिया, शायद, हां. लेकिन उनके बल्लेबाज लगातार पांच पारियों में असफल रहे हैं तो उन्होंने पिछले तीन टेस्ट मैचों में खराब प्रदर्शन के बारे जरा भी बचाव नहीं किया.

धौनी ने तीन दिन से भी कम समय में खत्म हुए मैच के बाद कहा, यह बल्लेबाजी क्रम का ही प्रतिबिंब है जिसने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है. उन्होंने कहा, मुरली विजय ने अच्छा किया है लेकिन पहले टेस्ट से ही हम अच्छी सलामी साझेदारी नहीं हासिल कर पा रहे हैं. चेतेश्वर पुजारा को मध्य में खेलने के लिये जल्दी उतरना पड़ा जो प्रत्येक पारी में तीसरे और चौथे ओवर में ही था. इससे हमारा तीसरे नंबर का बल्लेबाज जल्दी उतरता रहा और विराट कोहली खराब दौर से गुजरा.

धौनी ने कहा कि जब टीम छह बल्लेबाजों के साथ खेलती है तो लगातार विकेट गंवाने से मुश्किल हो जाती है. उन्होंने कहा, अगर आप छह बल्लेबाजों के साथ खेल रहे हों, जिसमें विकेटकीपर भी शामिल है तो अगर आप जल्दी कई विकेट गंवा देते हो तो यह थोड़ा मुश्किल हो जाता है. जब निचले क्रम ने रन जुटाये तो हमने 300 से ज्यादा रन का स्कोर बनाया और एक बार वे सस्ते में आउट हो गये तो हम बोर्ड पर रन जुटाने में जूझते रहे.

धौनी ने कहा, हां, हम बहुत निराश थे कि हम अंतिम तीन टेस्ट मैच में कोई चुनौती पेश नहीं कर सके. उम्मीद है कि बल्लेबाज इस हार से सकारात्मक चीजें सीखेंगे. सभी युवा खिलाडी हैं जो यहां आकर खेलने और अच्छा करने के लिये अच्छे हैं. भारतीय टीम इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में 2011 में 0-8 से हारी थी और अब 2013-14 में टीम ने दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और फिर इंग्लैंड में लगातार श्रृंखलायें गंवायी हैं.

सवाल हालांकि यही है कि भारतीय टीम प्रबंधन ने 2011 में मिली हार से कोई सबक नहीं लिया जिसमें उन्हें यहां इंग्लैंड से 0-4 से पराजय मिली थी. धौनी ने कहा, टीम तबकी टीम से पूरी तरह से बदल गयी है.धौनी ने कहा, मैंने उस श्रृंखला से जो भी रणनीतियां सीखीं थी, मैंने इस श्रृंखला में भी उन्हें लागू करने की कोशिश की है.

बतौर कप्तान आप फील्ड में बदलाव करने की कोशिश करते हो तो आपको तेज गेंदबाजों की मजबूती देखने की जरुरत होती है. हमारे गेंदबाज इंग्लैंड के गेंदबाजों के अलग है जो एक ही लाइन एवं लेंथ में हिट करते रहते हैं. उन्होंने कहा, वे भले ही थोडे बोरिंग हों लेकिन एक बार उन्हें मौका मिलता है तो वे आप पर आक्रमण करना शुरु कर देते हैं. भुवनेश्वर कुमार को भारत के लिये प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया. धौनी ने कहा कि श्रृंखला के खत्म होने तक वह थक गया था.

उन्होंने कहाकुमार ही एकमात्र खिलाड़ी था जो खेला, अगर आप उसके पहले टेस्ट की गेंदबाजी देखो और उसकी तुलना अंतिम टेस्ट से करो तो निश्चित रुप से वह थोडा थका हुआ था. लेकिन हमारे पास उसकी जगह लाने के लिये कोई और नहीं था.

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