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आईसीसी ने ‘ओवरथ्रो” फैसले पर धर्मसेना का बचाव किया

नयी दिल्ली : आईसीसी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व कप फाइनल में इंग्लैंड को ओवरथ्रो के पांच की बजाय छह रन देने के विवादित फैसले पर अंपायर कुमार धर्मसेना का बचाव किया है. विश्व कप फाइनल के बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने सार्वजनिक बयान दिया कि इंग्लैंड को 14 जुलाई को लाडर्स पर […]

नयी दिल्ली : आईसीसी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व कप फाइनल में इंग्लैंड को ओवरथ्रो के पांच की बजाय छह रन देने के विवादित फैसले पर अंपायर कुमार धर्मसेना का बचाव किया है.

विश्व कप फाइनल के बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने सार्वजनिक बयान दिया कि इंग्लैंड को 14 जुलाई को लाडर्स पर हुए फाइनल में छह रन देने में सही प्रक्रिया का पालन किया गया था.

इंग्लैंड की पारी के आखिरी ओवर में न्यूजीलैंड के फील्डर मार्टिन गुप्टिल का थ्रो बेन स्टोक्स के बल्ले से टकराकर सीमारेखा पर चला गया. इंग्लैंड को छह रन दिये गए जिससे मैच टाई हो गया और सुपर ओवर तक चला गया. टीवी रिप्ले से जाहिर था कि जब गुप्टिल ने ग्रेंद फेंकी थी तब आदिल राशिद और स्टोक्स ने दूसरा रन नहीं लिया था लिहाजा उन्हें पांच रन दिये जाने चाहिये थे.

मैदानी अंपायर धर्मसेना और मराइस इरास्मस ने इंग्लैंड को छह रन दिये. आईसीसी महाप्रबंधक (क्रिकेट) ज्यौफ अलार्डिस ने कहा, मैदानी अंपायरों को उसी समय फैसला लेना था कि थ्रो फेंकने के समय बल्लेबाजों ने क्रास किया था या नहीं. उन्होंने कहा , समग्र विश्लेषण करें तो उन्होंने सही प्रक्रिया का पालन करके फैसला लिया था. अलार्डिस ने कहा कि खेलने की शर्तों के तहत मैच रैफरी या तीसरा अंपायर दखल नहीं दे सकता था.

उन्होंने कहा कि भारत के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली आईसीसी की क्रिकेट समिति पूरे फाइनल पर गौर करेगी, लेकिन उसकी बैठक 2020 की पहली तिमाही से पूर्व नहीं होगी. यह पूछने पर कि क्या इंग्लैंड और न्यूजीलैंड को संयुक्त विजेता घोषित करने के सवाल उठे थे, अलार्डिस ने कहा कि सिर्फ एक विश्व चैम्पियन होना जरूरी था.

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