लंदन: स्टुअर्ट बिन्नी भले ही इंग्लैंड के खिलाफ लार्डस पर कोई कमाल नहीं दिखा पाये लेकिन अपने पिता रोजर बिन्नी की तरह उनकी उपस्थिति इस ऐतिहासिक मैदान पर भारत के लिये भाग्यशाली साबित हुई जिसने आज यहा दूसरा टेस्ट मैच 95 रन से जीतकर पांच मैचों की श्रृंखला में 1-0 से बढत बनायी.
भारत ने इससे पहले लार्डस में एकमात्र जीत 1986 में दर्ज की थी और उस मैच में रोजर बिन्नी खेले थे. इस ऐतिहासिक मैदान पर हमेशा जीत के लिये तरसने वाली भारतीय टीम को 28 साल बाद फिर से यहां परचम लहराने का मौका मिला अब एक और बिन्नी यानि रोजर के बेटे स्टुअर्ट अंतिम एकादश में शामिल थे.
रोजर बिन्नी ने उस मैच की पहली पारी में 55 रन देकर तीन और दूसरी पारी में 44 रन देकर एक विकेट लिया था. उन्हें केवल एक पारी में बल्लेबाजी का मौका मिला था जिसमें उन्होंने नौ रन बनाये थे. संयोग देखिये कि उनके बेटे स्टुअर्ट ने भी पहली पारी में नौ रन बनाये और दूसरी पारी में वह खाता नहीं खोल पाये. रोजर को नौ रन पर डेरेक प्रिंगल ने पगबाधा आउट किया तो स्टुअर्ट भी जब नौ रन पर खेल रहे थे तब जेम्स एंडरसन ने उन्हें पगबाधा आउट करके पवेलियन भेजा.
भारत ने अपना पहला टेस्ट मैच 25 जून 1932 को लार्डस में ही खेला था लेकिन उसे यहां अपनी पहली जीत दर्ज करने के लिये 54 साल तक इंतजार करना पडा. इस बीच भारत ने यहां आठ मैच गंवाये जबकि वह दो मैच ड्रा कराने में सफल रहा था.
लार्डस में भारत ने दस जून 1986 को अपनी पहली जीत दर्ज की थी. कपिल देव की अगुवाई वाली टीम ने श्रृंखला का पहला मैच पांच विकेट से जीता था. भारत की उस जीत में दिलीप वेंगसरकर (126 रन) के शतक के अलावा कपिल और चेतन शर्मा की शानदार गेंदबाजी का अहम योगदान रहा था.
भारत ने लार्डस में कुल 17 मैच खेले हैं जिनमें उसकी यह दूसरी जीत है. उसे यहां 11 मैचों में हार मिली है जबकि चार मैच ड्रा रहे.