।। बिक्रम प्रताप सिंह ।।
गत चैंपियन मुंबई इंडियंस की टीम आइपीएल-7 में अपने 10 में से सात मैच हारकर प्ले ऑफ की होड़ से लगभग बाहर हो चुकी है. पिछले साल शानदार प्रदर्शन के जरिये सभी टीमों को सकते में डालने वाली रोहित शर्मा की टीम इस बार अपेक्षाओं के पहाड़ के नीचे दब सी गयी. मुंबई ने अपने खिलाडि़यों की सहायता और उन्हें उपयोगी सलाह देने के लिए सचिन तेंडुलकर, रिकी पोंटिंग, अनिल कुंबले और जोंटी रोड्स जैसे दिग्गजों की फौज जुटायी. साथ ही उसके पास जॉन राइट जैसा अनुभवी कोच भी था.
अब क्रिकेट विश्लेषक खिलाडि़यों के आस-पास इतने दिग्गजों की मौजूदगी को ही टीम के खराब प्रदर्शन का सबसे बड़ा कारण मान रहे हैं. उनका मानना है कि खिलाड़ी अलग-अलग तरीकों की सलाह से प्रोत्साहित होने की जगह कनफ्यूज हो गये. सचिन और पोंटिंग पिछले साल भी टीम के साथ लेकिन तब वे बतौर खिलाड़ी डग आउट में बैठते थे. इस बार उनके पास सलाह देने के अलावा कोई काम नहीं था. जॉन राइट जहां पिछले साल तक कोच के तौर पर स्वतंत्र थे वहीं इस बार वह खुल कर काम नहीं कर पाये. उनके लिए सचिन, पोंटिंग और कुंबले जैसे क्रिकेट के महारथियों की राय को किनारे रखना मुश्किल हो रहा था.
* बल्लेबाजी सुपर फ्लॉप
सचिन और पोंटिंग अपने समय के दुनिया के दो सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे हैं. लेकिन उनकी मौजूदगी के बावजूद मुंबई इंडियंस ने सबसे ज्यादा निराश बल्लेबाजी में ही किया है. माना जा रहा है कि शुरुआत में विकेट बचाकर बाद में आक्रामक बल्लेबाजी की सलाह टीम को सचिन तेंडुलकर ने दी है. अब तक यह रणनीति बुरी तरह फ्लॉप रही है. नतीजा यह निकला कि अधिकांश मैचों में मुंबई की टीम न तो शुरू में और न ही बाद में तेजी से रन जुटा पायी. कीरोन पोलार्ड को नंबर पांच से ऊपर न भेजने की जिद भी टीम पर भारी पड़ी. कोलकाता के खिलाफ भी पोलार्ड जब क्रीज पर आये तब सिर्फ 17 गेंदें शेष थीं. इसी तरह सबसे तेज वनडे शतक का वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम रखने वाले मुंबई के बल्लेबाज कोरे एंडरसन भी खोये-खोये से नजर आ रहे हैं.
* स्पिन विभाग भी बेदम
मुंबई इंडियंस के मेंटोंर अनिल कुंबले हैं और उसके पास हरभजन सिंह के रूप में आजमाया हुआ ऑफ स्पिनर है. इसके बावजूद टूर्नामेंट में अब तक मुंबई के स्पिनर खास कमाल नहीं कर पाये. हरभजन ने 10 मैचों में आठ विकेट जरूर लिये लेकिन उनकी गेंदबाजी में पहले जैसी धार नहीं दिखी. टीम के दूसरे स्पिनर प्रज्ञान ओझा तो और भी बुरी तरह फ्लॉप हुए. ओझा ने इस सत्र में अब तक सात मैचों में सिर्फ एक विकेट लिया है.
– खराब प्रदर्शन के ये भी कारण
* मुंबई इंडियंस का कोई भी बल्लेबाज पूरे टूर्नामेंट में अब तक खुल कर बल्लेबाजी नहीं कर पाया है. टीम में सबसे बेहतरीन स्ट्राइक रेट कीरोन पोलार्ड का है. पोलार्ड ने इस सत्र में 131.92 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की है. वहीं, ट्वेंटी 20 में उनका कैरियर स्ट्राइक रेट 155.49 का है.
* मुंबई के सभी बल्लेबाजों ने मिलकर अब तक 10 मैचों में 50 छक्के जमाये हैं. वहीं पंजाब की ओर से ग्लेन मैक्सवेल (34) और डेविड मिलर (16) ने मिलकर 50 छक्के जमाये हैं.
* मुंबई के सभी गेंदबाजों ने मिलकर 10 मैचों में 42 विकेट चटकाये हैं. जाहिर है वे विपक्षी बल्लेबाजों पर दबाव नहीं बना पाते हैं.
* पावर प्ले में मुंबई की टीम अधिक रन नहीं जुटा पा रही है. इससे आखिरी ओवरों में बल्लेबाजों के ऊपर अधिक दबाव आ जाता है.
* लसिथ मलिंगा को छोड़ मुंबई का कोई भी अन्य गेंदबाज अभी तक विकेटों के मामले में दहाई अंक में नहीं पाया है.
* हीरो से फिसड्डी कप्तान में बदल गये रोहित शर्मा
पिछले सत्र में आइपीएल के साथ-साथ चैंपियंस लीग में मुंबई को चैंपियन बनाने वाले रोहित शर्मा इस बार बतौर कप्तान फिसड्डी साबित हुए. बतौर बल्लेबाज उन्होंने 266 रन जरूर बनाये हैं लेकिन वह सही समय पर पारी को मोमेंटम दिलाने में विफल रहे. शुरुआती ओवरों में रोहित की टुक-टुक वाली बल्लेबाजी बाद के ओवरों में टीम पर भारी पड़ रही है.