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”जेएससीए बना फरजीवाड़ा का अड्डा”

जमशेदपुर : झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएसन (जेएससीए) की वार्षिक आम सभा (एजीएम) धनबाद में 11 अप्रैल को होगी. एजीएम से पहले पूर्व रणजी खिलाड़ी जीतू पटेल ने जेएससीए के सचिव राजेश वर्मा और अध्यक्ष अमिताभ चौधरी पर जेएससीए सदस्यों को गुमराह करने का आरोप लगाया है. जीतू पटेल ने कहा कि सदस्यों को एजीएम की […]

जमशेदपुर : झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएसन (जेएससीए) की वार्षिक आम सभा (एजीएम) धनबाद में 11 अप्रैल को होगी. एजीएम से पहले पूर्व रणजी खिलाड़ी जीतू पटेल ने जेएससीए के सचिव राजेश वर्मा और अध्यक्ष अमिताभ चौधरी पर जेएससीए सदस्यों को गुमराह करने का आरोप लगाया है. जीतू पटेल ने कहा कि सदस्यों को एजीएम की जानकारी 12 दिन पहले देना है. जो साफ तौर पर जेएससीए के संविधान में लिखा है.

पांच मई को एजीएम का नोटिस जेएससीए ऑफिस के नोटिस बोर्ड पर लगाया गया और 11 को एजीएम होना है. वहीं जेएससीए संविधान के हिसाब से सदस्यों को एजीएम की जानकारी के साथ-साथ वार्षिक रिपोर्ट और मेंबर्स की जानकारी भी मुहैया कराना है, जो अब तक किसी भी सदस्य को नहीं दिया गया है.

* सदस्यों को बेवकूफ बना रहा जेएससीए

जीतू पटेल ने कहा कि जेएससीए सभी सदस्यों को हर मायने से बेवकूफ बना रहा है. उन्होंने कहा कि 2013 में हुए जेएससीए के चुनाव के दौरान विरोधी गुट ने आइजी रजिस्ट्रार को सत्ताधारी पार्टी द्वारा की जा रही अनियमिताओं के बारे में बताया और लिखित शिकायत की थी. इसमें मेंबर्स की सदस्यता खत्म करना, मतदाता सूची में हेराफेरी और जेएससीए संविधान में हुए बदलाव की जानकारी न होना था.

इन सभी समस्याओं को लेकर आइजी रजिस्ट्रार ने जेएससीए से जवाब तलब किया था. जेएससीए ने आइजी रजिस्ट्रार को लिखे जवाब में कुछ दस्तावेजों का उल्लेख किया और जो भी बदलाव हुए उसकी जानकारी रजिस्ट्रार को सर्टिफिकेट ऑफ पोस्टिंग के माध्यम से भेजे जाने की बात कही. सर्टिफिकेट ऑफ पोस्टिंग के माध्यम से 11-08-2011 को (2010-11) और 8-08-2012 को वार्षिक रिपोर्ट (2011-12) भेजने की बात गलत है.

जीतू पटेल ने कहा कि भारतीय पोस्टल विभाग ने सर्टिफिकेट ऑफ पोस्टिंग की सुविधा 31-01-2011 को बंद कर दिया, तो फिर किस तरह जेएससीए ने आइजी रजिस्ट्रार को वार्षिक रिपोर्ट भेजा. यह सवाल सदस्यों के लिए अहम है.

* एक मई को ही लगा एजीएम का नोटिस : सचिव

जेएससीए सचिव राजेश वर्मा ने कहा कि एक मई को एजीएम का नोटिस जारी करने के बाद उसे उसी दिन नोटिस बोर्ड पर लगा दिया गया. दो मई को कुरियर के माध्यम से इसे सदस्यों को भेज दिया गया है. पूर्व में सदस्यों को बाइ पोस्ट एजीएम की नोटिस दी जाती थी, लेकिन सदस्यों द्वारा नोटिस देर से मिलने की शिकायत करने पर अब इसे प्राइवेट कुरियर से भेजा जा रहा है. जहां तक सर्टिफिकेट ऑफ पोस्टिंग की बात है तो इसके बंद होने के बाद इसका इस्तेमाल नहीं किया गया है.

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