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मकर संक्रांति आज: सुबह 11.23 बजे तक पुण्यकाल, कर लें स्नान व दान शुभ कामों की हो गयी शुरुआत

पटना: पौष मास में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति का पर्व गुरुवार को मनाया जायेगा. पंडित श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार महावीर पंचांग के अनुसार बुधवार की रात्रि 1.19 मिनट पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर रहा है. शास्त्रों के अनुसार प्रदोष अथवा उसके बाद रात्रि में सूर्य मकर राशि […]

पटना: पौष मास में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति का पर्व गुरुवार को मनाया जायेगा. पंडित श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार महावीर पंचांग के अनुसार बुधवार की रात्रि 1.19 मिनट पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर रहा है. शास्त्रों के अनुसार प्रदोष अथवा उसके बाद रात्रि में सूर्य मकर राशि में प्रवेश करने पर उसका पुण्य काल अगले दिन के मध्याह्न् तक होता है. इससे गुरुवार को 11.23 मिनट तक पुण्य काल है. इस बीच स्नान दान करना शुभ रहेगा. इसी के साथ शुभ और मांगलिक कार्यो जैसे शादी-ब्याह, मुंडन, गृहप्रवेश आदि की शुरुआत हो जायेगी.
होगी मोक्ष की प्राप्ति
मकर संक्रांति पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है. प्रचलित कृत सार के अनुसार माघ माह में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो सभी लोग तीर्थ या प्रयाग जाते हैं. गंगा स्नान से जातक को मोक्ष की प्राप्ति व स्वर्ग में जगह मिलती है. इससे इस दिन गंगा स्नान करने व दान पुण्य भी करने का भी विशेष महत्व है. इस दिन तिल, गुड़, चूड़ा, चावल व उड़द दाल के साथ ही गरम कपड़ों आदि का भी दान करने से सब दुख दूर होते हैं.
सूर्य के उत्तरायण का राशियों पर प्रभाव
मेष : कार्य सिद्धि, पदाधिकारियों से लाभ और विशेष इच्छा पूर्ति
वृष : इच्छित वस्तु की प्राप्ति और कार्य में उन्नति
मिथुन : शारीरिक पीड़ा कष्ट और धन की प्राप्ति
कर्क : दाम्पत्य सुख सुविधा और मन की अशांति
सिंह : शत्रुओं का नाश, धन की प्राप्ति और कार्य सिद्धि
कन्या : आर्थिक लाभ और रोग भय की स्थिति
तुला : लाभ के योग
वृश्चिक : धन प्राप्ति, स्थान लाभ और शत्रु नाश
धनु : भय, धन प्राप्ति और शारीरिक परेशानी
मकर : स्थान परिवर्तन और पेट रोग
कुंभ : धन लाभ व कार्य बाधा और मानसिक चिंता
मीन : धनागम, कार्य सिद्धि और आनंद की प्राप्ति
आज से रहेगी बैंड-बाजा और बरात की धूम
पटना. सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही लगभग एक माह बाद गुरुवार से मांगलिक कार्यो की शुरुआत हो जायेगी. बुधवार की रात्रि 1.20 बजे से सूर्य उत्तरायण होगा. इस बार विवाह, मुंडन व गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यो के 25 शुभ मुहूर्त हैं. ये मुहूर्त 18 जनवरी से 14 मार्च तक चलेंगे. पंडित श्री पति त्रिपाठी के अनुसार कन्या, तुला व मिथुन इन्हीं तीनों लग्न में मांगलिक कार्य किये जाते हैं. पंचांगों के अनुसार तो और ज्यादा लगA हैं. महावीर पंचांग के तहत कु ल 36 शुभ मुहूर्त हैं, वहीं मिथिला पंचांग के अनुसार 21 शुभ मुहूर्त हैं. 15 जनवरी से 14 मार्च तक इन तीन महीनों में कुल 57 मुहूर्त हैं. 14 मार्च के बाद मीन राशि में सूर्य की संक्र ांति होने पर खरमास लगते ही मांगलिक कार्य बंद हो जायेंगे.
शादी के शुभ मुहूर्त
महावीर पंचांग
जनवरी : 15, 16, 17, 24, 25, 29 व 30
फरवरी: 4, 5, 6, 7, 9, 10, 11, 12, 13, 14,15, 16, 20, 21, 22, 25, 26 व 27
मार्च: 3, 4, 5, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13 व 14
ऋषिकेश पंचांग
जनवरी :15,18,19, 24, 25, 26, 29, 30 व 31
फरवरी : 4, 5, 7, 8, 9, 10, 11, 12,14,15, 16, 17, 20, 21, 22, 25, 26 व 27
मार्च : 4, 5, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13 व 14
मिथिला पंचांग
जनवरी : 18, 21, 22, 25, 26, 29 व 30
फरवरी : 8, 9, 11, 15, 16, 20, 25, 26 व 27
मार्च : 4, 6, 11, 12 व 13

बिना मुहूर्त हुईं 58 शादियां
पटना: दिसंबर व जनवरी माह में खरमास तक बिना लग्न और बिना मुहूर्त के भी 58 शादियां हुईं. इनमें न बैंड बजा, न ही शहनाई बजी. न तो फेरे लगे और न पंडित के मंत्र पढ़े गये. बस मजिस्ट्रेट के समक्ष वरमाला डाला और एक-दूजे के हो गये. जी हां, प्रेमी युगलों ने खरमास की चिंता से दूर जिला निबंधन कार्यालय में कुछ इसी तरह की शादियां रचायीं. जानकारी के अनुसार जिला निबंधन कार्यालय में प्रतिवर्ष 500 से अधिक शादियां होती हैं. इनमें ज्यादातर शादियां जाति बंधन से मुक्त होती हैं.
हालांकि 100 से अधिक लोगों ने विवाह के लिए आवेदन दिये थे. निबंधन कार्यालय के अनुसार प्रत्येक वर्ष खरमास माह में शादी रचानेवाले लोगों की संख्या बढ़ रही है. पिछले वर्ष इन दो माह में खरमास के दौरान कुल 50 जोड़ों ने शादी की. इसी तरह 2011 में 63 व 2012 में 52 जोड़ों ने शादी रचायी थी.
नहीं मानते शुभ-अशुभ ग्रह
खरमास में शादी रचानेवाले युवा शुभ-अशुभ को नहीं मानते हैं. वे एक-दूसरे की पसंद का ख्याल रखते हैं. पीएमसीएच की छात्र बताती है कि शादी के लिए आज भी लोग शुभ-अशुभ ग्रहों को मानते हैं, जबकि सरकार द्वारा कोर्ट मैरिज का सबसे सरल व बेहतर सुविधा उपलब्ध है. हम अपने मनपसंद के जीवन साथी से विवाह कर सकते हैं. ऐसे में युवाओं को दिन तिथि के फेर में नहीं पड़ना चाहिए. अभिभावकों को इसके लिए बच्चों के इन निर्णयों का स्वागत करना चाहिए.

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