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खतरनाक विचारधारा
पिछले साल 16 जून को ब्रिस्टल इंग्लैंड में, लेबर पार्टी की सांसद, 41 वर्षीय श्रीमती जो कॉक्स की निर्ममता से हत्या कर दी गयी थी. यह जान कर अच्छा लगा कि हत्यारे थॉमस मेयर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है. वैसे भी ये सजा इसलिए खास है क्योकि पिछले पांच-दस वर्षों में, यूरोप […]
पिछले साल 16 जून को ब्रिस्टल इंग्लैंड में, लेबर पार्टी की सांसद, 41 वर्षीय श्रीमती जो कॉक्स की निर्ममता से हत्या कर दी गयी थी. यह जान कर अच्छा लगा कि हत्यारे थॉमस मेयर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है. वैसे भी ये सजा इसलिए खास है क्योकि पिछले पांच-दस वर्षों में, यूरोप समेत दुनिया के अनेक भागों में, अतिराष्ट्रवाद का बुखार फिर से लोगों में चढ़ने लगा है.
ये हत्या केवल राजनीतिक प्रतिद्वंिद्वता का ही परिणाम नहीं था, बल्कि घृणा एवं विचारधारा का भी टकराव था. उन दिनों ब्रिटेन में ब्रेक्सिट को लेकर रायशुमारी चल रही थी. सांसद कॉक्स का विचार था कि ब्रिटेन को यूरोपियन संघ में बने रहना चाहिए, जबकि हत्यारा इसके खिलाफ था. यानी आपके विचार अगर किसी दूसरे से नहीं मेल खाते, तो आपकी हत्या हो जानी चाहिए, यही राष्ट्रवाद का प्रथम सिद्धांत है. यानी असहमति पाप है. इस तरह तो बहुत ही खतरनाक विचारधारा का उदय हो रहा है.
जंग बहादुर सिंह, ईमेल से
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