पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र चार्टर का अनुवाद संस्कृत में किया गया़ यह खबर पढ़ कर मन में बहुत खुशी हुई़ इससे भारत की प्राचीन भाषा संस्कृत का सम्मान भी बढ़ा है़.
यह एक अनुकरणीय प्रयास है़ उम्मीद है कि उक्त चार्टर का अनुवाद अन्य भाषाओं से संबंधित भारतीय विद्वान भी करने की कोशिश करेंगे़ इसके साथ ही, सरकारी और निजी स्तर पर स्कूली और उससे ऊपर के स्तर की शिक्षा के क्षेत्र में भी संस्कृत को और ज्यादा प्रोत्साहन दिये जाने की जरूरत है, ताकि देश की यह प्राचीन भाषा फलती-फूलती रहे़