हमारे देश में आज भी गरीब मां-बाप कम उम्र में ही अपनी लड़कियों की शादी कर देते हैं. उनके मन में यही सवाल उठता है कि अगर लड़की पढ़ेगी तो ज्यादा दहेज जुटाने में दिक्कत होगी. दूसरी सोच यह रहती है कि लड़की को पढ़ाने से हमें क्या लाभ होगा? समाज में लड़कियों के प्रति सकारात्मक सोच लाने के लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है.
हेमंत अग्रवाल, रांची