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नालों का सदुपयोग जरूरी!
देश में असंख्य नालों का जाल बिछा है, जिनमें नदियों और नलकूपों आदि से उद्योगों और जनता द्वारा प्रयुक्त अथाह पानी बेकार हो जाता है. बड़े दुख की बात है कि इन सभी नालों का गंदा पानी नदियों में जाता है, जिससे यह प्रदूषित पानी कई गंभीर समस्याओं और बीमारियों को जन्म देती है. इसलिए […]
देश में असंख्य नालों का जाल बिछा है, जिनमें नदियों और नलकूपों आदि से उद्योगों और जनता द्वारा प्रयुक्त अथाह पानी बेकार हो जाता है. बड़े दुख की बात है कि इन सभी नालों का गंदा पानी नदियों में जाता है, जिससे यह प्रदूषित पानी कई गंभीर समस्याओं और बीमारियों को जन्म देती है. इसलिए सभी नालों को नदियों से अलग किया जाना जरूरी है.
साथ ही सभी नदियों की खुदाई और सफाई भी बहुत जरूरी है. दुर्भाग्य से यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के कारण आज तक महज फाइलों तक ही सीमित रही है. क्योंकि, आज भी नदियां मिट्टी और गाद से अटी पड़ी हैं. इनका इस्तेमाल सड़क बनाने में किया जा सकता है. सबसे अच्छी बात यह है कि इन नयी सड़कों और पटरियों के साथ नीम, पीपल, जामुन आदि के पौधे भी लाभकारी होंगे. क्योंकि, नालों की भरपूर नमी और खाद से पौधे हमेशा हरे-भरे रहेंगे.
वेद मामूरपुर, नरेला
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