24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ताकि युद्ध न हो हमारी प्राथमिकता

वर्तमान युग में विरोधी राष्ट्र से हो रही समस्याओं से निजात पाने के लिए कोई भी देश युद्ध का सरलतम रास्ता ही चुनता है. आज आधुनिक विज्ञान के सहयोग से हर देश घातक औजारों का निर्माण कर रहा है. हम मानव के शैतानी दिमाग और उसके गिरते स्तर का अंदाजा उत्तर कोरिया द्वारा किये गये […]

वर्तमान युग में विरोधी राष्ट्र से हो रही समस्याओं से निजात पाने के लिए कोई भी देश युद्ध का सरलतम रास्ता ही चुनता है. आज आधुनिक विज्ञान के सहयोग से हर देश घातक औजारों का निर्माण कर रहा है.
हम मानव के शैतानी दिमाग और उसके गिरते स्तर का अंदाजा उत्तर कोरिया द्वारा किये गये हाईड्रोजन बम के परीक्षण से लगा सकते हैं. एक तरफ जहां उत्तर कोरिया जैसे देश अपनी ताकत बढ़ाने के लिए इन खतरनाक और अधिक मारक क्षमता वाले आधुनिक हथियार तैयार कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ आइएसआइएस जैसा आतंकवादी संगठन हथियारों के बल पर अपने पांव जमाने की कोशिश कर रहा है. हर तरफ हिंसा का वातावरण है.
अतीत में भी कई युद्ध हुए हैं और धरती खून से नहा गयी है. प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में जो विनाश और नरसंहार हुआ, वह सर्वविदित है. पर शायद मानव सभ्यता अब तक उन युद्धों से कुछ सीख नहीं सकी है. अगर युद्ध और हिंसा से शांति आती, तो शायद आज का आधुनिक समाज इतना अशांत न होता. आइंस्टीन से किसी ने एक बार तीसरे विश्व युद्ध के संबंध में पूछा, तो उन्होंने उत्तर दिया कि तीसरे विश्व युद्ध के बारे में तो कुछ नहीं कहा जा सकता, पर चौथे विश्व युद्ध के संबंध में जरूर कुछ-कुछ कल्पना की जा सकती है.
इसी कल्पना को स्पष्ट करते हुए आइंस्टीन ने कहा था कि तीसरे विश्व युद्ध के बाद यदि कोई लड़ाई लड़ी गयी, यदि इसके बाद थोड़े-बहुत मनुष्य बचे और उनमें कोई युद्ध हुआ तो वह युद्ध ईंट, पत्थरों से लड़ा जायेगा.
यानी तीसरे विश्व युद्ध में इतना प्रलयंकारी विनाश होगा कि मनुष्य जाति का अस्तित्व बचेगा, इसमें संदेह है. यदि मनुष्य का अस्तित्व किसी प्रकार बचा रहा, तो यह निश्चित है कि सभ्यता और संस्कृति का अंत हो ही जायगा.
-विवेकानंद विमल, पाथरौल, मधुपुर

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें