देश में सरकारी कर्मचारियों की छवि बहुत बिगड़ गयी है. चाहे वह पुलिस विभाग के कर्मचारी हों, या फिर स्वास्थ्य व शिक्षा विभाग के कर्मचारी. सबके बारे में जनता एक ही राय रखती है कि ये सब काहिल और भ्रष्ट हो चुके हैं.
ऐसे में, शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 से 65 किया जाना दुखद है. सरकार की तरफ से तर्क यह है कि पद खाली हैं. ऐसे में क्या नये और युवा लोगों की भरती नहीं हो सकती? सरकार क्या नये लोगों को जोड़ना जरूरी नहीं समझती है. जब युवा इन विभागों से जुड़ेंगे तभी देश की छवि सुधरेगी. मेरे अनुसार, सभी विभागों में सेवानिवृत्ति की आयु 55 साल होनी चाहिये.
जितने नये लोग आयेंगे, उतनी ही सरकारी विभागों की क्षमता बढ़ेगी. नये विचार पैदा होंगे और रिश्वतखोरी खत्म होगी. सेवा विस्तार उन्हें ही मिले, जिन्हें पैसों की जरूरत हो, खासकर आज के बेरोजगार युवा पीढी.
वर्षा चौधरी, कतरासगढ़