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ग्रामीण शिक्षा में हो गुणवत्तापूर्ण सुधार
शिक्षा एक वह दीप है, जो हर व्यक्ति के जीवन को ज्ञान से रोशन कर समाज में उचित स्थान दिलाता है. गांवों की बात करें, तो यहां शिक्षा प्रणाली में गुणवत्तापूर्ण सुधार अधिक नहीं हुआ है. यहां के विद्यालयों में अध्यापक तथा बच्चों के आने-जाने का कोई निर्धारित समय नहीं है. मनमाने ढंग से विद्यालय […]
शिक्षा एक वह दीप है, जो हर व्यक्ति के जीवन को ज्ञान से रोशन कर समाज में उचित स्थान दिलाता है. गांवों की बात करें, तो यहां शिक्षा प्रणाली में गुणवत्तापूर्ण सुधार अधिक नहीं हुआ है. यहां के विद्यालयों में अध्यापक तथा बच्चों के आने-जाने का कोई निर्धारित समय नहीं है. मनमाने ढंग से विद्यालय का संचालन किया जा रहा है, जिससे बच्चों का भविष्य बिगड़ रहा है.
थोड़ी सी शिक्षकों की लापरवाही का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है. कहा जाये, तो बच्चों का भविष्य दावं पर है.ऐसे में कई लोग अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए प्राइवेट स्कूल में दाखिल कर रहे हैं, जिससे सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या और शिक्षा के स्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. सरकार को शिक्षा प्रणाली में सुधार करनी चाहिए.
-काजल रवानी, करौं, गोविंदपुर
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