अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के 17-18 महीने ही शेष हैं. इस दौरान विश्व क्षितिज पर कई अपूर्व घटनाएं घट सकती हैं. फिर भी ओबामा का कार्यकाल कई अर्थो में विशेष महत्व रखता है. उनके दोनों कार्यकाल को हमेशा याद किया जाता रहेगा.
ओबामा पहले अश्वेत राष्ट्रपति हैं, जिन्हें दो कार्यकाल पूरा करने का अवसर प्राप्त हुआ. दुनिया के प्रतिष्ठित पुरस्कार नोबेल से भी नवाजा गया. यह ओबामा की व्यक्तिगत और प्रशासनिक छवि का ही नतीजा है कि भारत के साथ अमेरिका के संबंध मधुर हुए. विश्व शांति के अग्रदूतों में से एक भारत का दौरा कर उन्होंने महात्मा गांधी के अहिंसावादी सिद्धांतों पर अमल करते हुए दुनियाभर में शांति स्थापित करने के ध्येय से युद्ध को प्रश्रय नहीं दिया. आतंकवाद निरोधी अभियानों में भी उनका अमूल्य योगदान है.
ओबामा प्रशासन की सबसे बड़ी उपलब्धि में दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन का खात्मा भी है. इन्हीं के कार्यकाल में अफगानिस्तान से नाटो सेना भी हटायी गयी. लीबिया के तानाशाही शासक कर्नल गद्दाफी से भी वहां के लोगों को मुक्ति मिली. एक प्रकार से उन्हें दुनिया में शांति का दूत भी कहा जा सकता है.
सामाजिक समरसता के क्षेत्र में भी कीर्तिमान स्थापित करते हुए उन्होंने अमेरिका में समलैंगिकों को वैधता प्रदान की गयी. उनकी दूसरी सबसे बड़ी उपलब्धि में क्यूबा के साथ अमेरिका का लोकतांत्रिक रिश्ता कायम करना शामिल है. भारत के साथ कुछ मसलों पर मतभेद रहे हैं, लेकिन ओबामा प्रशासन में भारतीय जनमानस और यहां की क्षेत्रीय भाषाओं को भी मान्यता दी गयी. इससे उनके मन में भारत के प्रति प्रेम और आस्था की झलक मिलती है.
भगवान ठाकुर, तेनुघाट