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हर कोई करे हिमालय की रक्षा
नेपाल के भूकंप में हुई तबाही ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. हर जगह भय, भूख और शोक फैला हुआ है. इस बीच सवाल यह भी है कि आखिर धरती मां ने ऐसा रूप धारण क्यों किया? क्यों एक मां ने दूसरी मां की गोद को सूनी कर दी? इस प्राकृतिक आपदा […]
नेपाल के भूकंप में हुई तबाही ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. हर जगह भय, भूख और शोक फैला हुआ है. इस बीच सवाल यह भी है कि आखिर धरती मां ने ऐसा रूप धारण क्यों किया?
क्यों एक मां ने दूसरी मां की गोद को सूनी कर दी? इस प्राकृतिक आपदा के लिए कोई और नहीं, बल्कि हम खुद जिम्मेदार हैं. हिमालयी क्षेत्र में ऐसी प्राकृतिक आपदा कोई पहली बार नहीं आयी है. इसके पहले भी आयी थी और बाद में भी आने की आशंका है.
हिमालय के उत्तर में स्थित चीन में इस प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं आती ही रहती हैं, लेकिन अब उसने अपनी दिशा दक्षिण की ओर भारत, नेपाल और भूटान की ओर कर दिया है. ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि आखिर हम हिमालय की चिंता क्यों करें? सिर्फ इतना कह देने भर से ही काम नहीं चलेगा. हर किसी को उसकी रक्षा करनी होगी.
मिनी राव, ई-मेल से
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