* कहीं बाढ़, कहीं सुखाड़
बिहार में एक तरफ बाढ़ है, तो दूसरी तरफ सुखाड़ की आशंका. नदियों के किनारे बसे गांवों के किसान बाढ़ के कारण त्रहिमाम कर रहे हैं. उनके पास खेती करने का कोई चारा नहीं बचा है. दूसरी ओर सूबे के 23 जिलों के किसान सूखे की आशंका से घबरा रहे हैं. यदि आंकड़ों पर गौर करें, तो पूरे राज्य में अब तक 469.4 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी, जो 349.6 मिलीमीटर पर ही अटक गयी है.
मतलब इस बार अभी तक 26 फीसदी कम बारिश हुई है. 23 जिलों में 50 प्रतिशत से कम बारिश हुई. इसके कारण अब तक 43} धनरोपनी ही हो पायी है. रोपनी नहीं होने के कारण जहां किसान परेशान हैं, वहीं खेतिहर मजदूरों की रोजी-रोटी पर भी आफत है. इस बार 34 लाख हेक्टेयर में रोपनी का लक्ष्य है. लेकिन, रोपनी की मौजूदा रफ्तार से 91 लाख टन धान उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने में मुश्किल होगी.
दूसरी ओर पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा जिलों में बाढ़ के कारण खेती पर संकट है. खगड़िया, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी जैसे जिलों में तो दोतरफा मार है. यहां के निचले हिस्सों में बाढ़, तो ऊपरी हिस्सों में सुखाड़ है. वैसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक उच्चस्तरीय बैठक में कई निर्देश अधिकारियों को दिये हैं, जो स्वागतयोग्य हैं. उन्होंने कहा है कि वास्तविक आकलन के बाद सूखे से निबटने की हरसंभव कोशिश सरकार के स्तर पर होगी. देखा यह जाता है कि प्रत्येक वर्ष संकट से निबटने के लिए घोषणाएं होती हैं.
ग्रामीण इलाकोंमें निर्बाध बिजली की आपूर्ति का आदेश दिया जाता है. राजकीय नलकूपों को लगातार चलाने का निर्णय भी लिया जाता है. पर इन आकस्मिक योजनाओं से इतने बड़े स्तर के संकट से निबट पाना संभव नहीं हो पाता. इस तरह की योजनाएं आगे चल कर लूट-खसोट का माध्यम बन कर रह जाती हैं. बार-बार उत्पन्न होती ऐसी स्थिति पर होना तो यह चाहिए कि एक ऐसी योजना बनायी जाये, जिससे बाढ़ के साथ ही सुखाड़ से भी निबटा जा सके. यह जल प्रबंधन से ही संभव है. इससे काफी हद तक हम इस संकट से उबर सकते हैं.
व्यवस्था के अगुवा लोगों को यह ध्यान रखना होगा कि योजनाएं कागजों तक ही सिमट कर नहीं रह जायें, ये खेत-खलिहान तक उतरें. लूट-खसोट पर अंकुश लगे और योजनाएं दीर्घकालीन समाधान वाली हों. ऐसा नहीं हो पाने की स्थिति में धान का कटोरा कहा जानेवाला क्षेत्र भी शापित क्षेत्र में बदल जायेगा. जरूरत इस बात की है कि बिहार की धरती हरी चूनर ओढ़े. हर ओर खुशहाली हो.