28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

माल-ए-मुफ्त का आदी!

।। कृष्ण प्रताप सिंह ।।(वरिष्ठ पत्रकार)उप्र के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इन दिनों 2011-12 की इंटरमीडिएट परीक्षा पास करके प्रदेश में ही आगे की पढ़ाई कर रहे 15 लाख छात्र-छात्राओं को मुफ्त लैपटॉप बांटने का चुनावी वादा निभाने में लगे हैं. लैपटापों की आपूर्ति करनेवाली अमेरिकी कंपनी से कहा गया है, कि वह सात महीनों में […]

।। कृष्ण प्रताप सिंह ।।
(वरिष्ठ पत्रकार)
उप्र के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इन दिनों 2011-12 की इंटरमीडिएट परीक्षा पास करके प्रदेश में ही आगे की पढ़ाई कर रहे 15 लाख छात्र-छात्राओं को मुफ्त लैपटॉप बांटने का चुनावी वादा निभाने में लगे हैं. लैपटापों की आपूर्ति करनेवाली अमेरिकी कंपनी से कहा गया है, कि वह सात महीनों में अपना काम निपटा दे. अभी वह दस फीसदी आपूर्ति भी नहीं कर पायी है. आशंका है कि आगे और समय मांगेगी. इस बीच चंदौली जिले में एक प्रिंसिपल को लैपटॉपों के एवज में छात्रों से एक से ढाई हजार रुपये की वसूली करते पकड़ा गया है और एक फरार शिक्षक की तलाश की जा रही है, जिससे पता चलता है कि वादा निभाने की इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचारियों की भागीदारी है.

राज्य सरकार का दावा है कि जिन छात्रों को लैपटॉप दिये जा रहे हैं, सूचना व संचार क्रांति के सारे लाभ उनकी मुट्ठी में आ जा रहे हैं. ज्ञान-विज्ञान के अथाह भंडार तक उनकी पहुंच इस कदर आसान हो जा रही है कि अब वे शिक्षकों व पुस्तकों की कमी जैसी समस्या से बेफिक्र होकर भविष्य निर्माण के सुनहरे सपने बुन सकेंगे. लेकिन तसवीर का दूसरा पहलू इस दावे की हंसी उड़ाता लगता है.

अनेक छात्रों को लैपटॉपों के इस्तेमाल की प्राथमिक जानकारी तक नहीं है. उनकी शिक्षा की दशा व दिशा भी ऐसी नहीं है, जो जैसे-तैसे परीक्षाएं पास करने की प्रवृत्ति का पोषण करने के बजाय सच्चे ज्ञानाजर्न की भूख जगाये. सरकार का आगे उसे वैसी बनाने का इरादा भी नहीं दिखता. प्रदेश में समूची शिक्षा प्रणाली बदहाली की शिकार है और उसके बाजारीकरण, व्यवसायीकरण व निजीकरण जैसे अभिशापों के बढ़ते अनर्थो के बीच एक समूची पीढ़ी गंभीर अध्ययन व ज्ञान के प्रति गहरी अरुचि के साथ बढ़ रही है.

तो क्या मुफ्त लैपटाप पकड़ा देने भर से वह उनके सार्थक इस्तेमाल में प्रवृत्त हो जायेगी? लैपटॉप ज्ञानपिपासा शांत करने के माध्यम तो तभी बनेंगे, जब वह हो. वरना मोबाइलों की तरह अश्लील क्लिपिंग्स समेत अनेक समस्याओं का जरिया बन जायेंगे. अभी भी दूषित चेतनाओं के शिकार छात्रों के लिए वे ऐसे खिलौने से ज्यादा अहमियत नहीं रखते, जो पोलिंग बूथ पर जाकर साइकिल वाला बटन दबा आने के एवज में बिना कुछ चुकाये मिल गया है. ऐसे में उनका हश्र दूरदर्शन पर चलनेवाली राष्ट्रव्यापी कक्षाओं जैसा होते कितनी देर लगेगी?

फिर ज्ञान के जिस भंडार तक पहुंच का ढोल पीटा जा रहा है, वह सिर्फ लैपटॉप मिल जाने भर से छात्रों की मुट्ठी में नहीं आनेवाला. उसके लिए इंटरनेट और बिजली की सुविधाएं जरूरी है जो मुफ्त नहीं हैं और लगातार खर्च की मांग करती हैं. प्रदेश के अनेक गांवों में अभी बिजली पहुंची ही नहीं है. इंटरनेट को भी पहुंचना बाकी है. जिन गांवों में बिजली है भी, जरूरत के वक्त गैरहाजिर रहती है. हाजिर भी हो तो मुफ्त लैपटॉप बांटने वाली सरकार ने उसको डेढ़ गुनी महंगी करके गरीबों की तो छोड़िए, मध्यवर्ग तक की कमर तोड़ रखी है.

तो जिन छात्रों या उनके अभिभावकों के पास बिजली के कनेक्शन नहीं हैं, क्या वे लैपटॉप चलाने के लिए उसे ले पायेंगे? समझना चाहिए कि हाईस्कूल पास करने वाले 26 लाख छात्र इंटर पास करते-करते केवल 15 लाख रह जाते हैं. शेष अर्थाभाव के कारण बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं, जबकि थोड़े से प्रदेश के बाहर पढ़ने जाते हैं. सरकारी आंकड़े गवाह हैं कि गांवों में गरीबी पर लगाम नहीं लग पा रही और ग्रामीणों की हालत बदतर होती जा रही है.

तभी तो वहां कई छात्र अपने लैपटाप बेचने निकल पड़े हैं. उन्हें लगता है कि वे उनके किसी काम के नहीं हैं. उनके न हों, लेकिन दो पक्षों के सीधे काम के हैं. एक उस अमेरिकी कंपनी को जिसे इनका दुनिया का सबसे बड़ा 2,800 करोड़ रुपयों से ज्यादा का ऑर्डर मिला है. दूसरे समाजवादी पार्टी को, क्योंकि लैपटॉप पाने वाले छात्र लोकसभा चुनाव में उसका ‘कर्जा’ उतारने की हालत में होंगे.

हां, लैपटॉप वितरण के लिए जैसे भव्य समारोह आयोजित किये जा रहे हैं, उनसे अखिलेश सरकार की नयी जगहंसाई का एक अंदेशा भी प्रबल हो रहा है. वैसी ही जगहंसाई का जैसी बेरोजगारी भत्ते के वितरण के समारोहों को लेकर हुई थी. तब साढ़े आठ करोड़ का बेरोजगारी भत्ता बांटने के सरकारी तामझाम पर साढ़े बारह करोड़ रुपये फूंक डाले गये थे. इससे भी बड़े दु:ख की बात है कि उसकी नीयत छात्रों को भविष्य की चुनौतियों से त्रण दिलाने की नहीं उन्हें माल-ए-मुफ्त का आदी बनाकर अपने चुनावी कल्याण के लिए इस्तेमाल करने की है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें