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इस बार आम बजट से उम्मीदें

डॉ जयंतीलाल भंडारी अर्थशास्त्री jlbhandari@gmail.com इन दिनों देश के करोड़ों लोगों की निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा एक फरवरी, 2020 को प्रस्तुत किये जानेवाले वित्त वर्ष2020-21 के बजट की ओर लगी हुई है. अर्थविशेषज्ञों की निगाहें आगामी बजट में तीन बड़ी बातों पर केंद्रित हो गयी हैं. एक, वित्त मंत्री से अपेक्षा है कि […]

डॉ जयंतीलाल भंडारी

अर्थशास्त्री

jlbhandari@gmail.com

इन दिनों देश के करोड़ों लोगों की निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा एक फरवरी, 2020 को प्रस्तुत किये जानेवाले वित्त वर्ष2020-21 के बजट की ओर लगी हुई है. अर्थविशेषज्ञों की निगाहें आगामी बजट में तीन बड़ी बातों पर केंद्रित हो गयी हैं. एक, वित्त मंत्री से अपेक्षा है कि वहअर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने की योजना बजट के माध्यम से प्रस्तुत करें. दो, सरकार राजकोषीय मजबूती का एक विश्वसनीय रोडमैप बजट मेंप्रस्तुत करे.

तीन, नये बजट के तहत रेलवे की दशा और दिशा सुधारने के लिए रणनीतिक कदम आगे बढ़ाने की रूपरेखा भी प्रस्तुत करें.नये बजट के तहत सरकार की चुनौती यह भी है कि सरकार के पास आर्थिक सुस्ती से निपटने और सभी वर्ग के लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिएसंसाधनों की भारी कमी है.अमेरिका-ईरान तनाव के बाद तेल की कीमतों के बढ़ने से बजट पर दबाव बढ़ेगा. पिछला वर्ष 2019 आर्थिक सुस्ती का वर्ष रहा है.

विकास दर पांच फीसदी के निम्न स्तर पर तथा बजट में निर्धारित राजकोषीय घाटा (फिजिकल डेफिसिट) जीडीपी के 3.3 फीसदी से बढ़कर करीब 3.6 फीसदीके स्तर पहुंच गया है. ऐसे में वर्ष 2020-21 के आगामी बजट में अर्थव्यवस्था को गतिशील करने के ठोस प्रावधान करने होंगे.

पिछले साल 26 अगस्त को अपने 84 साल के इतिहास में पहली बार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा लाभांश और अधिशेष कोष के मद से 1.76लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार को ट्रांसफर करने का जो निर्णय लिया गया, उससे अर्थव्यवस्था में अधिक धन खर्च करने के लिए मिल पायेगा. बढ़ते आर्थिकसंकट को थामने के लिए 20 सितंबर को वित्त मंत्री सीतारमण ने कॉरपोरेट टैक्स 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी कर दिया. उससे उद्योग को लाभमिलेगा.

बजट में इस बार मनरेगा योजना के लिए अतिरिक्त धन मिल सकता है. निश्चित रूप से नये बजट में कृषि क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने को सरकार उच्चप्राथमिकता देगी. पीएम किसान जैसी योजनाओं के लिए आबंटन अधिक हो सकता है. सरकार ऐसे नये उद्यमों को प्रोत्साहन देगी, जो कृषि उत्पादों कोलाभदायक कीमत दिलाने में मदद करने के साथ उपभोक्ताओं को ये उत्पाद मुनासिब दाम पर पहुंचाने में मदद करे. नये बजट में उन स्टार्टअप को मददमिलेगी, जो कृषि उत्पादों के लिए बाजार प्रदान करने तथा उचित मूल्य पर अंतिम उपभोक्ताओं को आपूर्ति करने में मदद कर रहे हैं. इस बजट के तहतवित्त मंत्री कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के विकास के माध्यम से बेरोजगारी और गरीबी को दूर करनेवाले कामों को प्रोत्साहन देंगी.

वित्त मंत्री बजट में महिलाओं के सशक्तिकरण, युवाओं के कौशल विकास, सभी परिवारों को नल से पानी मुहैया कराने के लिए जल जीवन मिशन, मछुआरोंको भंडारण एवं विपणन ढांचा मुहैया कराने के लिए मत्स्य संपदा योजना के लिए अधिक बजट आबंटन कर सकती हैं. देश के छोटे आयकरदाताओं, नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग के अधिकांश लोगों को लाभ मिल सकता है. नये बजट में पांच लाख रुपये तक की मौजूदा आयकर छूट को जारी रखा जा सकता है.सीनियर सिटिजन एवं महिलाओं के लिए आयकर में छूट की सीमा बढ़ायी जा सकती है.

अर्थव्यवस्था को गतिशील करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला एक जनवरी, 2020 को घोषणा कर चुकी हैं कि सरकार आगामी पांच वर्षों में बुनियादी ढांचा क्षेत्रकी परियोजनाओं में 102 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी. ऐसे में नये बजट के तहत बंदरगाहों, राजमार्गों और हवाई अड्डों के निर्माण पर व्यय बढ़ सकताहै. नये बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, छोटे उद्योग-कारोबार और कौशल विकास जैसे विभिन्न अावश्यक क्षेत्रों के लिए बजट आबंटन में वृद्धि दिख सकती है. नयेबजट में डिजिटल भुगतान के लिए भी नये प्रोत्साहन दिये जा सकते हैं.

सरकार श्रम सुधार और निर्यात मौकों को मुट्ठियों में लेने के लिए नयी नीति के साथ आगे बढ़ सकती है. सरकार कालेधन पर नियंत्रण से लेकर रोजगार कोबढ़ावा देने के लिए प्रभावी कदम उठा सकती है. सरकार बैंकों की बैलेंस शीट में गड़बड़ियों को दूर करने और सरकारी बैंकों का संचालन बेहतर बनाने की डगरपर आगे बढ़ सकती है. रेलवे का बजट अब आम बजट का ही एक भाग है. रेलवे को पटरी पर लाने के लिए निजीकरण की रणनीति नये बजट में दिखायी देसकती है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वैश्विक सुस्ती के बीच अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाये रखने के लिए आम आदमी की क्रय शक्ति बढ़ाने के लिए ग्रामीणविकास, बुनियादी ढांचा और रोजगार बढ़ानेवाली सार्वजनिक परियोजनाओं पर जोरदार व्यय बढ़ायेंगी, यह उम्मीद है. आवश्यक वस्तु अधिनियम को नरमकरने, अनुबंध खेती को बढ़ावा देने, बेहतर मूल्य के लिए वायदा कारोबार को प्रोत्साहन देने, कृषि उपज की नीलामी के लिए न्यूनतम आरक्षित मूल्य लागूकरने, शीतगृहों के निर्माण में वित्तीय सहायता देने जैसे कामों को आगे बढ़ाये जाने की रणनीति के साथ सरकार आगे बढ़ेगी, जिससे कृषि अर्थव्यवस्था कोमजबूत बनाने में मदद मिलेगी. वित्त मंत्री नये बजट को आर्थिक एवं वित्तीय दृष्टिकोण से बेहतर बनाने की ऐसी डगर पर आगे बढ़ेंगी, जिसमें सरकार केद्वारा राजकोषीय जवाबदेही एवं बजट प्रबंधन अधिनियम की समीक्षा समिति की अनुशंसाओं का ध्यान रखा गया हो.

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