प्राकृतिक रूप से झारखंड एक संपन्न राज्य है. इसकी संस्कृति, पर्व, खान-पान, पहनावा सब एक अलग ही पहचान रखते हैं. झारखंड का मौसम पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है. आदिवासी इलाकों के गांवों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है. पर्यटन को बढ़ावा देकर न केवल सरकार के राजस्व को बढ़ाया जा सकता है, बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजागार का एक विकल्प मिल सकता है.
दीपक कुमार दास, चंदनक्यारी