भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जिसकी आबादी 135 करोड़ है. वहीं, 143 करोड़ की आबादी के साथ चीन पहले नंबर पर है.
हाल में संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी वैश्विक आबादी रिपोर्ट बताती है कि साल 2027 तक भारत की आबादी 150 के पार चली जायेगी तथा जनसंख्या में पहला स्थान हासिल कर लेगा, जो भारत के लिए खतरे की घंटी है. आबादी बढ़ने से वस्तु की मांग बढ़ेगी तथा महंगाई चरम पर होगा.
पर्यावरण में असंतुलन पैदा होगा, जो और ही खराब स्थिति को दरसाता है, पर अब देश अगर समय के अनुसार खुद में परिवर्तन लाने की ओर प्रतिबद्ध नहीं हुआ तो प्रकृतिवादी वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन के विकासवाद के सिद्धांत के अनुसार ‘प्रकृतिवाद खुद को संतुलन रखना अच्छी तरह जानती है.’
नितेश कुमार सिन्हा, जानपुल चौक (मोतिहारी)