संविधान से अनुच्छेद-370 को खत्म करने के स्पष्ट रुख के कारण ही भाजपा को देश की जनता ने भरपूर समर्थन दिया है. अब वह घड़ी आ गयी है, जब यह पार्टी अपने वादे को बिना किसी अन्य राजनीतिक दल से समर्थन लिए पूरा कर सकती है, क्योंकि भाजपा के पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत है. कई और पार्टियां भी अब अनुच्छेद-370 पर चर्चा कराने की बजाय उसे खत्म करने की बात कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के अनुसार, अनुच्छेद-370 को हटाने के लिए संविधान सभा की स्वीकृति आवश्यक है, जो अस्तित्व में है ही नहीं. वैसे भी देश के लिए कोई नया संविधान तो लिखा जाना नहीं है, जो फिर से संविधान सभा का गठन हो. ऐसे में, जो संसद संविधान में संशोधन की शक्ति रखती है, वह अनुच्छेद 370 को हटा भी सकती है, इसलिए संसद की अनुमति से अनुच्छेद-370 खत्म हो, ताकि वहां से अलगाववादी ताकतों का सफाया हो सके. रविश, ई-मेल से