भारत की नयी सरकार में स्मृति ईरानी शिक्षा मंत्री बनी हैं, उनको बधाई. पर उन्हें अपनी असल चुनौती ज्ञात और स्मरण रहे कि भारत की वर्तमान शिक्षण विषय-वस्तु और शिक्षा-प्रणाली में कई खामियां हैं जिन्हें उन्हें सुधारना है. आजकल डिग्रियां बांटीं जा रही हैं और उन्हें बुद्धिजीवी का तमगा भी दिया जा रहा है, चाहे समझ हो या न हो. इसका मूल कारण है सिर्फ व्यावसायिक या वृत्तिपरक शिक्षा को बढ़ावा देना. भारतीय परंपरा में शिक्षा के साथ दीक्षा भी जुड़ी हुई है. दीक्षा का अर्थ है शिष्य के स्वरूप और आधार को ध्यान में रख कर उचित मार्गदर्शन करना. इस गुरु -दान से शिष्य की अज्ञानता का क्षय होता है और वह अपने स्वभाव और स्वरूप को भूल कर जीवन में गलत काम नहीं करता. आज अच्छी शिक्षा, शिक्षा-प्रणाली और शिक्षकों की जरूरत है जो बच्चों को अच्छे नागरिक के रूप में गढ़े.
मनोज आजिज, जमशेदपुर