मेरा यह पत्र विगत 30 मई को पाठक मत में प्रकाशित शिवशंकर प्रसाद जी के उस पत्र के संदर्भ में है जिसका शीर्षक था, ‘रवीश कुमार का एकांगी विश्लेषण’. इसमें उन्होंने रवीश कुमार पर पक्षपात कर नीतीश कुमार के पक्ष में लेख लिखने और समाचार प्रसारित करने का आरोप लगाया था. मैं उनसे इतना ही कहना चाहूंगा कि रवीश कुमार पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं और वह हमारे देश के एक वरिष्ठ पत्रकार हैं.
रवीश की निष्पक्ष पत्रकारिता के कारण ही 2013 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ पत्रकार के रूप में रामनाथ गोयनका पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 2014 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ समाचार उद्घोषक के लिए इंडियन न्यूज टेलीविजन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है. एनडीटीवी इंडिया मे आनेवाले कार्यक्रम ‘रवीश की रिपोर्ट’ से प्रसिद्धि पाने के बाद उन्हें रात नौ बजे के कार्यक्रम ‘प्राइम टाइम’ में बतौर ऐंकर जगह मिली, जिसमें वह विभिन्न समकालीन विषयों पर बहसों को काफी अच्छी तरह चला रहे हैं.
यह संभव है कि प्रभात खबर में रवीश का आपने जो लेख पढ़ा, उसमें आपको पक्षपात नजर आया हो, लेकिन इसकी वजह यही हो सकती है कि आपने उसी मानसिकता से उसे पढ़ा हो. मुङो तो उनका विेषण बिलकुल सटीक लगा. अगर आपके मन में अब भी उनकी निष्पक्षता पर संदेह हो तो मैं क्या, कोई भी उसे दूर नहीं कर सकता. इस बार के लोकसभा चुनावों में उन्होंने देश के कई संसदीय क्षेत्रों की निष्पक्ष रिपोर्टिग कर वहां की हकीकत से लोगों को रू-ब-रू कराया. रही बात पक्षपात की, तो यह आपकी सोच का दोष है, जो एक बार बन जाये तो बदली नहीं जा सकती. रही बात बिहार की, तो बिहार जितना बदला है उतना बदलना बाकी है.
आकाश कु गुप्ता, ई-मेल से