प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को न्योता भेजा गया. उन्हें इसे स्वीकार कर समारोह में शिरकत भी की, यह अच्छी बात है. लेकिन मेरा मानना है कि पाकिस्तान पर विश्वास करना मुश्किल है क्योंकि पहले भी कई बार भारत दोस्ती का हाथ बढ़ा चुका है.
कई बार तो ऐसा भी हुआ है कि इधर सामने पाकिस्तान दोस्ती की बात करता है और उधर सीमा पर तैनात हमारे जवानों पर गोलियों की बरसात करता है. लेकिन इस बार हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और वह जिस तरह के नेता जाने जाते हैं उससे उम्मीद जगी है कि पाकिस्तान की किसी भी नापाक हरकत पर वह चुप बैठने वाले नहीं हैं. यह मोदी की बहुत अच्छी शुरुआत है हाथ बढ़ा कर दोस्ती करने की, लेकिन उनसे उम्मीद यह भी है कि नापाक इरादा भांपते ही उसका हाथ उखाड़ फेंकें.
पालुराम हेंब्रम, सालगाझारी