हमारे देश का राष्ट्रीय खेल हॉकी है. फिर भी अधिकांश लोग क्रिकेट के दीवाने हैं. क्रिकेट जगत में देश के खिलाड़ियों ने काफी नाम कमाये हैं और देश को कई खिताब दिलाया है. लेकिन विश्व में सबसे ज्यादा पसंदीदा खेल फुटबॉल में अपने देश की उपस्थिति सामान्य से नीचे ही है.
हाल में ही अपने देश के फुटबॉलर सुनील छेत्री ने ऐसा रिकॉर्ड बनाया जो पूरी दुनिया में कम ही खिलाड़ी ने बनाये हैं. उसने 64 गोल दाग कर विश्व के महान खिलाड़ी मेस्सी की बराबरी की, फिर भी उसके चर्चे देखने को नहीं मिले.
वहीं, अगर कोई क्रिकेट प्लेयर एक शतक लगा देता है, तो लोगों में उसके नाम की चर्चा बढ़ जाती है. फुटबॉल खेल के साथ साथ उसके खिलाड़ियों को प्रोत्साहन नहीं मिलता है. विश्व का नंबर एक माने जानेवाले इस खेल के लिए सरकार को एक नीति के तहत प्रोत्साहित करना चाहिए.
निलेश मेहरा, मधुपर