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नाम से जरूरी काम होता है
1862 में बने मुगलसराय स्टेशन का नाम अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से जाना जायेगा. पिछली बार की तरह इस बार भी मोदी सरकार ने नाम बदलने का काम शुरू किया है. पहले योजना आयोग का नाम नीति आयोग और अब स्टेशन का नाम बदल दिया. मगर काम नहीं बदला. […]
1862 में बने मुगलसराय स्टेशन का नाम अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से जाना जायेगा. पिछली बार की तरह इस बार भी मोदी सरकार ने नाम बदलने का काम शुरू किया है. पहले योजना आयोग का नाम नीति आयोग और अब स्टेशन का नाम बदल दिया. मगर काम नहीं बदला. नोट बदल दिये गये. सरकारी योजनाओं के भी नाम बदले गये.
आज भी नीति आयोग ऐसा कोई भी फैसला नहीं ले पायी है, जिससे कि आम लोगों को कोई लाभ मिले. आज भी भारत में ज्यादातर ट्रेन समय पर नहीं चलती है. इसलिए नाम बदलने से ज्यादा जरूरी काम करना है. इसपर सरकार को ज्यादा सोचने की जरूरत है. सिर्फ नाम बदलने से काम नहीं हो जाते. देश की जनता काम के इंतजार में है. 2019 में होनेवाले आम चुनाव में सरकार द्वारा किये गये कामों को ही जनता देखेगी, नाम को नहीं.
हर्ष राज, चंद्रपुरा
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