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बच्चे खास हैं और खास ही रहेंगे
आज शिक्षा का क्षेत्र कोरा व्यापार बन कर रह गया है. बच्चों को रेस का घोड़ा बना लिया गया है. उन्हें चाबुक मार कर भगाया जाता है. बच्चे पढ़ाई के बोझ तले दबे नजर आते है. दुनियाभर की आकांक्षाओं का बोझ मां-बाप ही डाल देंगे, तो ये मासूम जायेंगे कहां? बच्चों के रिजल्ट का समय […]
आज शिक्षा का क्षेत्र कोरा व्यापार बन कर रह गया है. बच्चों को रेस का घोड़ा बना लिया गया है. उन्हें चाबुक मार कर भगाया जाता है. बच्चे पढ़ाई के बोझ तले दबे नजर आते है.
दुनियाभर की आकांक्षाओं का बोझ मां-बाप ही डाल देंगे, तो ये मासूम जायेंगे कहां? बच्चों के रिजल्ट का समय है. ऐसे में वे खुद बहुत तनाव में रहते हैं. सभी अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों के साथ मजबूत ढाल बन कर खड़े रहें. क्या हुआ अगर मार्क्स कम आ गये. मार्क्स ही इंसान का टैलेंट नहीं बताते हैं.
अपने बच्चे पर अपनी उम्मीदों का बोझ न थोपें, कम नंबर आये, तो भी उन्हें गले लगाएं. उन्हें बताएं कि आप हमेशा उनके साथ है. उनमें आगे बढ़ने का उत्साह बनाएं रखें. आपका बच्चा पढ़ाई में एवरेज है, तो क्या हुआ? याद रखिए, वह आपके लिए खास था, खास है और खास रहेगा.
डॉ शिल्पा जैन सुराणा, इमेल से
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