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प्रतियोगिता परीक्षा या किसी अन्य परीक्षा के समय छात्रों के साथ-साथ छात्राओं का भी परीक्षा केंद्र दूसरे जिले में कर दिया जाता है, मगर छात्राओं की व्यावहारिक समस्याओं पर गौर नहीं किया जाता. छात्र तो दूसरे शहर में जाकर सहजता से परीक्षा दे देते हैं, मगर छात्राओं के लिए यह इतना आसान नहीं होता. आम […]
प्रतियोगिता परीक्षा या किसी अन्य परीक्षा के समय छात्रों के साथ-साथ छात्राओं का भी परीक्षा केंद्र दूसरे जिले में कर दिया जाता है, मगर छात्राओं की व्यावहारिक समस्याओं पर गौर नहीं किया जाता. छात्र तो दूसरे शहर में जाकर सहजता से परीक्षा दे देते हैं, मगर छात्राओं के लिए यह इतना आसान नहीं होता.
आम तौर पर उन्हें इसके लिए परिवार के किसी पुरुष सदस्य के सहयोग की जरूरत होती है. यह उनके लिए अतिरिक्त आर्थिक बोझ पैदा करता है. ऐसे में जो छात्राएं आर्थिक रूप से सक्षम नहीं होती हैं या जिनके परिवार का पुरुष सदस्य इस काम के लिए समय नहीं निकाल पाता, उन छात्राओं को परीक्षा छोड़नी पड़ती है. इसलिए सरकार या तो इन छात्राओं के लिए परीक्षा के दौरान सुरक्षित आवासन की व्यवस्था करे या उनका परीक्षा केंद्र गृह जिले में ही रखने की व्यवस्था हो.
परमेश्वर झा, दुमका
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