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बच्चों में पढ़ने की आदत विकसित करने की जरूरत
आज के दौर में युवा पीढ़ी के पास स्मार्ट फोन और कंप्यूटर हैं और वे इंटरनेट व गूगल सर्च का इस्तेमाल करके कोई भी सूचना प्राप्त कर सकते हैं, पर दुनिया ने अभी तक इंटरनेट और गूगल सर्च को किताबों के विकल्प के रूप में पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया है. सबसे अहम सवाल […]
आज के दौर में युवा पीढ़ी के पास स्मार्ट फोन और कंप्यूटर हैं और वे इंटरनेट व गूगल सर्च का इस्तेमाल करके कोई भी सूचना प्राप्त कर सकते हैं, पर दुनिया ने अभी तक इंटरनेट और गूगल सर्च को किताबों के विकल्प के रूप में पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया है.
सबसे अहम सवाल यही है कि युवा पीढ़ी को किताबें पढ़ने के लिए कैसे प्रेरित किया जा सकता है? इस सवाल का हल ढूंढ़ने के लिए सरकारों, स्कूलों और परिवारों को अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी. स्कूलों में लाइब्रेरी और किताबें तो हैं, किंतु उन्हें पढ़ने की आदत को विकसित करने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. अभिभावक भी प्रतियोगी परीक्षाओं और कोचिंग पर ज्यादा ध्यान देते हैं. वे अपने बच्चों को महंगे स्मार्ट फोन तो खरीदकर दे सकते हैं, किंतु उनके लिए किताबें खरीदकर लाना उनकी आदतों में शुमार नहीं होता.
डाॅ हेमंत कुमार, गोराडीह (भागलपुर)
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