खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण का खाद्य सुरक्षा मानकों और नियमों के उल्लंघन मामले में खाद्य व्यापार संचालकों पर दर्ज मुकदमों को रद्द करने का आदेश रास आने वाला नहीं है.
नियमों के उल्लंघन पर उन्हें माफ ही करना था, तो मामले दर्ज करने की जरूरत ही क्या थी? खाद्य सुरक्षा में गलती बिल्कुल ही माफ नहीं की जा सकती. ऐसे मामले रद्द करने का आदेश देना गलत है. इसका मतलब गलत साबित होने के बाद भी गलती की अनदेखी करने जैसा है. देश से जमा किये गये खाद्य नमूनों के बारे में लाखों (6,81,021) शिकायतें हैं.
उन पर कड़ी कार्रवाई की उम्मीद समाप्त हो गयी है. क्या यही जनता के साथ न्याय है? खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने खाद्य कंपनियों के साथ न्याय किया है. खाद्य सुरक्षा का लेकर एफएसएसएआई को सचेत रहना जरूरी है. नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई के बिना उनमें सुधार आ पाना असंभव है.
मानसी जोशी, इमेल से