चुनाव के इस महापर्व में हर दल के प्रत्याशी जनता से अपने पक्ष में वोट देने की अपील कर रहे हैं. लेकिन जनता से जुड़े कुछ मुद्दे अब भी अनछुए रह गये हैं. ये मुद्दे हैं – निजी विद्यालयों में फीस बढ़ोत्तरी, नामांकन के नाम पर लूट-खसोट की स्थिति पर चुप्पी.
राज्य में तकनीकि शिक्षण संस्थान का व्याप्त आभाव, जिसके चलते नामांकन एवं पठन-पाठन के नाम पर हर साल करोड़ों रुपये दूसरे राज्यों को दिये जाते हैं और दूसरे राज्य में यहां के छात्र प्रांतवाद और जातिवाद के नाम पर पिट कर आ जाते हैं.
झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षित युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार एवं अशिक्षित के लिए स्वरोजगार के अवसर मुहैया कराना. झारखंड की तमाम बड़ी कंपनियों का वितरक कार्यालय एवं मुख्य कार्यालय अन्य राज्यों में हैं. मेहनत हम लोग करें और मुनाफा एवं टैक्स दूसरे राज्यों को क्यों? संजय सिंह, जमशेदपुर