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आयुष मंत्रालय ने कोरोना के खिलाफ आयुर्वेदिक दवा क्लेविरा एंटीवायरल को दी अनुमति, जानिए कितनी है कीमत

कंपनी की ओर से बताया गया है कि शुरुआती चरण में क्लेविरा को 2017 में डेंगू के मरीजों के इलाज के लिए विकसित किया गया था. बीते साल जब देश में कोरोना के मरीजों में तेजी से वृद्धि देखी गई, तो इस फार्मुलेशन को दोबारा कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सहायक दवा के तौर पर कोविड के लक्षणों को हल्के से मध्यम पर लाने के लिए तैयार किया गया.

नई दिल्ली : कोरोना की दूसरी लहर के देश में रोजाना लाखों की संख्या में दर्ज किए जा रहे नए संक्रमितों की संख्या के बीच ज्यादातर लोग अस्पतालों का चक्कर लगाने से बचते हुए दिखाई दे रहे हैं. हर कोई यह चाहता है कि घर पर रहकर ही सर्दी, खांसी और बुखार होने पर वह अस्पताल जाने की बजाए घरेलू उपचार से ही इन पर काबू पा सके. ऐसे में, एक बहुत बड़ी राहत भरी खबर है कि आयुष मंत्रालय ने लोगों में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए चेन्नई की फार्मास्युटिकल कंपनी एपेक्स लैबोरेटरी प्राइवेट लिमिटेड की एंटीवायरल आयुर्वेदिक दवा क्लेविरा को मंजूरी दे दी है. इस दवा का इस्तेमाल डॉक्टरों की सलाह के बाद ही किया जा सकेगा.

एक टैबलेट की कीमत होगी 11 रुपये

कंपनी की ओर से बताया गया है कि शुरुआती चरण में क्लेविरा को 2017 में डेंगू के मरीजों के इलाज के लिए विकसित किया गया था. बीते साल जब देश में कोरोना के मरीजों में तेजी से वृद्धि देखी गई, तो इस फार्मुलेशन को दोबारा कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सहायक दवा के तौर पर कोविड के लक्षणों को हल्के से मध्यम पर लाने के लिए तैयार किया गया. यह उत्पाद देशभर में हर जगह उपलब्ध है और इसका दाम 11 रुपये प्रति टेबलेट रखा गया है.

क्लेविरा से संक्रमण को किया जा सकता है कम

स्वास्थ्य सेवाओं पर मरीजों के बढ़ते बोछ के बीच इस तरह के सहायक इलाज को कैसे लागू किया जाए? एपेक्स लैबोरेटरी की एग्जिक्यूटिव डाइरेक्टर सुभाषिनी वनांनगौमुदी ने बताया कि कोरोना अनुरूपी व्यवहार का पालन करते हुए सर्पोटिव या सहायक इलाज की मदद से कोविड के मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत को कम किया जा सकता है तथा संक्रमण को हल्के से मध्यम किया जा सकता है. सहायक इलाज की सहायता से इस समय यदि हम एक मरीज की भी आईसीयू में भर्ती करने की जरूरत को कम कर दें, तो यह बहुत होगा. इससे हम अन्य जरूरतमंद लोगों को बेहतर लिए बेहतर स्वास्थ्य संसाधनों देने का आश्वसन दे पाएंगे.

कैसे करती है काम?

क्लेविरा के प्रयोग से होने वाले फायदे को बताते हुए एपेक्स लैबोरेटरी के इंटरनेशनल बिजनेस मैनेजर सी ऑर्थर पॉल ने कहा कि एंटी वायरल दवा वायरल लोड को कम करने के साथ ही खून में सफेद रक्त कणिकाएं, प्लेटलेट्स और लिम्फोसाइट्स को तेजी से बढ़ाती है. इसलिए हर चरण में मरीज की सेहत में तेजी से सुधार दिखने लगता है. ईएसआर (इथायरोसाइट सेडिमेंटेशन रेट) का स्तर इस बात का प्रमाण है कि दवा के प्रयोग से एंटी इंफ्लेमेटरी असर अधिक हो रहा है.

कौन-कौन कर सकते हैं इसका इस्तेमाल?

सी ऑर्थर पॉल ने बताया कि क्लेविरा को एनालजेसिक, एंटीपायरेटिक और थांब्रोबायसोइटोपेनिया को रोकने में प्रभावकारी माना गया है. किडनी और लिवर के मरीज भी इसका प्रयोग अन्य दवाओं के साथ सुरक्षित रूप से कर सकते हैं. क्लेविरा का प्रयोग फ्रंट लाइन वर्कर और कोविड मरीजों की देखभाल करने वाले ऐसे वर्कर भी कर सकते हैं. जो लोग संक्रमण के जोखिम के बीच काम करते हैं, वह भी क्लेविरा को रोग निरोधी इलाज (प्रोफेलेक्टिक) के तौर पर प्रयोग कर सकते हैं. दो साल की अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए क्लेविरा पूरी तरह सुरक्षित है.

कहां-कहां मिलेगी दवा?

दवा की उपलब्धता के बारे में एपेक्स लैबोरेटरी प्राइवेट लिमिटेड के मार्केटिंग प्रमुख कार्तिक शंमुगन ने बताया कि यह दवा देशभर में उपलब्ध है. क्लेविरा एलोपैथी विधि के लिए किसी तरह की प्रतियोगी नहीं होगी, बल्कि इसके प्रयोग से कोरोना के मरीज जल्दी ठीक होगें और संक्रमण की वजह से देश में बढ़ रहा सामाजिक आर्थिक बोझ कम होगा. हमने दवा की कीमत को भी आम लोगों की पहुंच के अनुसार ही तय किया है, जिससे समाज के हर वर्ग का व्यक्ति इसे खरीद सकता है. क्लेविरा की हर टेबलेट केवल 11 रुपये की होगी.

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Posted by : Vishwat Sen

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