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रमन सिंह ने माना सुरक्षा में चूक हुई

रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने आज स्वीकार किया कि ‘‘सुरक्षा खामियों’’ के कारण दरभा में कांग्रेसी नेताओं के काफिले पर शनिवार को नक्सल हमला हुआ. उन्होंने राज्य में नक्सल हिंसा से संघर्ष में सेना की भूमिका से इंकार किया. सिंह ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि दरभा नक्सली […]

रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने आज स्वीकार किया कि ‘‘सुरक्षा खामियों’’ के कारण दरभा में कांग्रेसी नेताओं के काफिले पर शनिवार को नक्सल हमला हुआ. उन्होंने राज्य में नक्सल हिंसा से संघर्ष में सेना की भूमिका से इंकार किया. सिंह ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि दरभा नक्सली हमला निश्चित तौर पर दुखद घटना है और इसकी जितनी भी निंदा की जाए यह कम है. लेकिन यह स्वीकार करना होगा की सुरक्षा में चूक हुई है. यदि सुरक्षा में कमी नहीं होती तो नक्सली इतनी बड़ी घटना को अंजाम नहीं दे सकते थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना के तत्काल बाद राज्य सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए और कहा कि जांच में यदि किसी की भी लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी चाहे वह किसी भी स्तर का अधिकारी या कर्मचारी हो. उन्होंने कहा कि इस मामले की एनआइए ने भी जांच शुरु कर दी है. उन्होंने कहा कि न्यायायिक जांच में जांच के बिंदु तय किए गए है और इसमें यात्रा को सुरक्षा देने, घटना के दौरान सुरक्षा बलों के घटनास्थल तक पहुंचने तथा अधिकारियों को सूचना मिलने के बाद की गई कार्यवाही जैसे बिंदुओं को शामिल किया गया है. रमन सिंह ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आवाजाही या परिचालन के दौरान निर्धारित कार्य प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करना जरुरी है. इसमें थोड़ी सी भी चूक चाहे वह किसी भी तरफ से हो बड़ी घटना का कारण बनता है. जांच से यह भी सामने आएगा की एसओपी का पालन किया गया कि नहीं. सिंह ने कहा कि यह घटना राज्य सरकार के लिए सबक है और इससे सबक लेते हुए बेहतर कार्य योजना के साथ काम करने की जरुरत है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार और अन्य राजनीतिक दल यहां के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहे हैं और यह लोकतंत्र के लिए जरुरी है. नक्सलियों ने जब देखा कि क्षेत्र में उनका प्रभाव कम हो रहा है तब उन्होंने बौखलाहट में आकर इस घटना को अंजाम दिया है. जिससे राजनीतिक दल इस क्षेत्र से दूर रहे. सिंह ने कांग्रेस पार्टी के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि राज्य में ‘परिवर्तन यात्रा’ के दौरान नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में गए कांग्रेसी नेताओं को पर्याप्त सुरक्षा नहीं मुहैया कराई गई. उन्होंने कहा, ‘‘यह आरोप सही नहीं है कि हमने पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं कराई. सरकार ने यात्रा में भाग लेने वाले नेताओं की सुरक्षा के लिए व्यवस्था की थी, लेकिन निश्चित रुप से सुरक्षा में कुछ कमियां थीं. जवाबदेही तय करने के लिए पहले ही जांच का आदेश दे दिया गया है.’’ रमन सिंह ने कहा कि नक्सल समस्या देश की सबसे बड़ी समस्या है और इस समस्या से सबको मिलकर लड़ना होगा और जरुरी है कि इसके लिए एकीकृत कार्ययोजना बनाई जाए और सख्ती के साथ मिलकर कठोरता पूर्वक इस समस्या को दूर किया जाए. नक्सली समस्या के खात्मे के लिए सेना के उपयोग के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह इस मामले में सेना के हस्तक्षेप के पक्ष में नहीं है.

सिंह ने कहा कि नक्सली भोले भाले आदिवासियों को डराकर उनके मध्य छिपकर रहते हैं. यदि क्षेत्र को सेना के हवाले किया जाता है तो इससे भारी संख्या में निरपराध आदिवासी जनता के भी मारे जाने या प्रताड़ित होने की आशंका है. सेना का हस्तक्षेप लोकतंत्र के लिए भी ठीक नहीं है. राज्य में राष्ट्रपति शासन से संबंधित सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राजनीति करने का समय नहीं है बल्कि बेहतर समन्वय के साथ काम करने की जरुरत है. अब हमारी प्राथमिकता है कि इस हमले के दोषी लागों की पहचान की जाए और उन्हें दंडित किया जाए.

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