नयी दिल्ली:भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (सीपीआइएम) के घोषणा पत्र में मौजूदा आर्थिक सुधार की नीतियों को बदलने के अलावा सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने का एजेंडा प्रमुख होगा. माकपा 16वीं लोकसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र जारी करनेवाली पहली राष्ट्रीय पार्टी है. घोषणा पत्र में अल्पसंख्यकों के विकास के अलावा सामाजिक तौर पर पिछड़े लोगों के कल्याण के लिए नीतियों का ब्योरा होगा.
बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए ठोस नीति की बात भी घोषणा पत्र में शामिल किया है. युवा और महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जायेगा. दूसरे राज्यों के लोगों पर रंगभेदी हमले और संघीय ढांचे को मजबूत करने के अलावा पार्टी भ्रष्टाचार पर रोक लगाने और दूसरी पार्टियों से दल-बदल पर रोक लगाने के लिए कठोर कानून बनाने पर जोर देगी. सूत्रों का कहना है कि घोषणा पत्र में यूपीए सरकार की एफडीआइ में रिटेल को मंजूरी, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में विनिवेश करने के फैसले को खत्म करने की बात शामिल की जायेगी. रोजगार बढ़ाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर और कृषि क्षेत्र में सरकार के हस्तक्षेप को बढ़ाने की बात भी शामिल की जायेगी.