नयी दिल्ली:राहुल गांधी ने शनिवार को इन आंकलनों को ‘मजाक’ बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मात्र सौ सीटें ही मिल पायेंगी. उन्होंने कहा कि ओपिनियन पोल ‘कानून नहीं हैं’ और नरेंद्र मोदी एवं भाजपा के सत्ता में आने का कोई सवाल ही नहीं है. ‘गूगल हैंगआउट’ पर पार्टी कार्यकर्ताओं से चर्चा करते हुए कांग्रेस नेता ने मोदी सहित वरिष्ठ नेताओं की उम्मीदवारी को लेकर भाजपा के अंदर मचे घमासान की खबरों को लेकर भी मुख्य विपक्षी दल पर निशाना साधा. राहुल ने कहा, ‘सौ सीटों की बात मजाक है और आपको इसे समझना होगा. विपक्ष का सारा प्रचार आपको हतोत्सहित करने का है. अगर आप हतोत्साहित नहीं होते हैं तो हम उन्हें जोरदार टक्कर देंगे.
इस सवाल पर कि अगर कांग्रेस को सौ सीटें मिलीं तो चुनाव के बाद कांग्रेस क्या करेगी, उन्होंने कहा, ‘अगर आपके दिमाग में कोई शंका नहीं है तो हमें दो सौ से ज्यादा सीटें मिल रही हैं. पूरा खेल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को निरुत्साहित करने, उनके मन में शक पैदा करने का है.’ पहली बार हम 2004 में चुनाव लड़े. हर एक ओपिनियन पोल में कहा गया कि हम बुरी तरह पराजित होने जा रहे हैं. कांग्रेस ने वह चुनाव जीता. 2009 में हर एक ओपिनियन पोल ने कहा कि हम पराजित होने जा रहे हैं, हमने अपने आंकड़े को दोगुना किया. राहुल ने कहा, ‘हम अब तीसरा चुनाव लड़ रहे हैं. वे हमेशा कहते हैं कि कांग्रेस अच्छा नहीं करेगी. हम इस धारणा के साथ शुरू न करें कि ओपिनियन पोल कानून हैं. हमें एक मजबूत चुनाव लड़ना है.’
भाजपा रूढ़िवादी पार्टी
राहुल ने कहा, कांग्रेस ऐसी पार्टी है जो क्रांति में विश्वास करती है, जबकि भाजपा रूढ़िवाद और जड़ता की प्रतीक है. उन्होंने उम्मीदवार चुनने के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा शुरू की गयी प्राइमरी योजना की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘अगर आप हमारे विरोधियों को देखें, हर एक उम्मीदवार का चुनाव एक व्यक्ति द्वारा होता है. उनके वरिष्ठ नेता कह रहे हैं कि हर एक उम्मीदवार का चयन एक व्यक्ति द्वारा होता है. वह एक दिशा की ओर बढ़ रहे हैं और हम पूरी तरह से अलग दिशा की ओर’
बिहार में पार्टी के बड़ा अवसर
इस सवाल पर कि कांग्रेस राज्यों में अपने को कैसे मजबूत बनायेगी और वोट आधार कैसे प्राप्त करेगी, राहुल ने कहा कि पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा अवसर है. पंजाब के कार्यकर्ताओं से चर्चा करते हुए कांग्रेस नेता ने उनसे कहा कि वह लोगों को यह बतायें कि सिख किसानों को गुजरात से भगाया जा रहा है, जबकि पंजाब में भाजपा का शिरोमणि अकाली दल के साथ गंठबंधन है. आखिर यह किस तरह की भागीदारी है. आप यह संदेश जनता तक पहुंचायें.