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हार के बाद कांग्रेस के अंदर भारी फेरबदल, दिग्विजय से छीना गया गोवा-कर्नाटक का प्रभार

नयी दिल्ली : गोवा विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद राज्य में सरकार नहीं बना पाने का खामियाजा आखिरकार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को भुगतना पड़ा. शनिवार को पार्टी ने दिग्विजय सिंह से गोवा और कर्नाटक के प्रभारी महासचिव की जिम्मेदारी वापस ले ली. वहीं, संगठन में कुछ अन्य बदलाव […]

नयी दिल्ली : गोवा विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद राज्य में सरकार नहीं बना पाने का खामियाजा आखिरकार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को भुगतना पड़ा. शनिवार को पार्टी ने दिग्विजय सिंह से गोवा और कर्नाटक के प्रभारी महासचिव की जिम्मेदारी वापस ले ली. वहीं, संगठन में कुछ अन्य बदलाव भी किये गये हैं. पार्टी के भीतर फेरबदल की शुरुआत करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एआइसीसी सचिव ए चेला कुमार को गोवा का प्रभार सौंपा है. वहीं, केसी वेणुगोपाल को कर्नाटक का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया है. मालूम हो कि पार्टी में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद संगठन स्तर पर बदलाव की प्रक्रिया को लेकर कई दिन से अटकलों का बाजार गर्म था.

इधर दिग्विजय ने ट्वीट में लिखा, ‘मैं बहुत खुश हूं. आखिरकार यह नयी टीम राहुल द्वारा चुनी गई है. गोवा और कर्नाटक में कांग्रेस नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ काम करते हुए मुझे बहुत मजा आया. उन सबके सहयोग के लिए मैं उनका आभारी हूं. मैं कांग्रेस पार्टी और नेहरू-गांधी परिवार का वफादार हूं. मैं पार्टी में आज जो कुछ भी हूं, वह सबके उन्हीं की वजह से है.’

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कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव होनेवाले हैं. पार्टी राज्य में फिर से सत्ता हासिल करने की तैयारियों में जुटी है. सूबे में एम टैगोर, पीसी विश्वनाथ, मधु यक्षी गौड़ा और डॉ एस सज्जीनाथ को भी राज्य में पार्टी प्रभारी सचिव की जिम्मेदारी दी गयी है.
अमित देशमुख को गोवा का प्रभारी सचिव बनाया गया है. इसके अलावा पार्टी ने केंद्रीय चुनाव प्राधिकार का गठन कर मुल्लापल्ली रामचंद्रन को इसका अध्यक्ष बनाया है. भुवनेश्वर कालिता और मधुसूदन मिस्त्री को इस प्राधिकार का सदस्य बनाया गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी ने बताया कि इस केंद्रीय चुनाव प्राधिकार की सलाहकार समिति में सांसद शमशेर सिंह ढुल्लों, बीरेन सिंह एंगती और पूर्व सांसद अश्क अली टाक को सदस्य बनाया गया है. मिस्त्री इस प्राधिकार का सदस्य बनने के बाद संगठन के किसी अन्य पद पर नहीं रहेंगे. वर्तमान में मिस्त्री पार्टी महासचिव हैं.
* पार्टी नेताओं ने की थी आलोचना
गोवा विधानसभा चुनाव के बाद दिग्विजय आलोचनाओं से घिर गये थे. गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख लुइजिन्हो फलेरियो ने चुनावों में कांग्रेस की हार के लिए महासचिव दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार ठहराया था. फलेरियो ने दावा किया था कि हमारे पास 21 विधायकों का समर्थन था, जो सरकार बनाने के लिए चाहिए थे. लेकिन, दिग्विजय ने कहा कि हमें राज्यपाल के बुलावे का इंतजार करना चाहिए. विधायक विश्वजीत राणे ने कहा था कि 17 विधायकों के बाद पार्टी सरकार नहीं बना सकी.

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* मनोहर पर्रीकर ने कसे थे तंज

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर ने भी दिग्विजय सिंह की ओर इशारा करते हुए कहा था कि आप गोवा में घूमते रहे और हमने सरकार बना ली. इससे पहले दिग्विजय ने आरोप लगाया था कि पैसे की ताकत, जनता की ताकत से जीत गयी. मैं गोवा की जनता से माफी मांगता हूं कि हम सरकार बनाने लायक बहुमत हासिल नहीं कर पाये. दिग्विजय ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने छोटी पार्टियों और निर्दलीय को लुभा कर कांग्रेस को सरकार बनाने से दूर रखा.

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