जयपुर : भारत में आतंकवादी गतिविधियों को संचालित करने को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम पाकिस्तान ने नापाक करते हुए अब भेदिया के रूप में प्रशिक्षित कबूतरों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. इसी का नतीजा है कि मंगलवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने बीते मंगलवार को भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे जैसलमेर के तनोट इलाके में बबलियान सीमा चौकी पर पाकिस्तान की सीमा से उड़ कर आये एक प्रशिक्षित कबूतर को पकड़ा है. इस कबूतर पर कुछ नंबरिंग की हुई हैं. यह कबूतर आदमी के साथ जल्द ही घुल-मिल जाने वाला बताया जा रहा है.
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गौरतलब है कि इससे पहले भी बीते जनवरी महीने में शाहगढ़ बल्ज के क्षेत्र में एक ऐसा ही पाकिस्तान से प्रशिक्षित कबूतर पकड़ा गया था, जिस पर टैग लगा हुआ था. खबर यह भी है कि पाकिस्तान की सीमा से उड़कर आ रहे यह ट्रेंड कबूतर संभवतः अरब के शाहजादों के भी हो सकते हैं, जो इन दिनों सीमा पार हुबारा व अन्य पक्षियों के शिकार के लिए आए हुए हैं.
इतना ही नहीं, वर्ष 2016 में पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान से सटी सीमा के पास से एक कबूतर को हिरासत में लिया था, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी देने वाला एक संदेश ले लेकर आया था. पुलिस ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों को यह कबूतर पठानकोट में दिखा था, जहां इसी साल जनवरी में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने एयरफोर्स बेस पर हमला किया था.
पुलिस इंस्पेक्टर राकेश कुमार ने बताया था कि कबूतर के पंजों में एक संदेश बंधा हुआ था, जो उर्दू भाषा में था. राकेश कुमार ने बताया कि उसमें ऐसा कुछ लिखा था कि "मोदी, हम 1971 वाले लोग नहीं हैं… अब बच्चा-बच्चा भारत के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार है…"
पिछले साल भी जम्मू-कश्मीर ले जाये जा रहे 153 कबूतरों की जांच हुई थी. पुलिस ने कश्मीर जा रहे एक वाहन से कुछ बक्से जब्त किये, जिनमें 153 कबूतरों को कश्मीर घाटी ले जाया जा रहा था. इन कबूतरों के शरीर पर गुलाबी निशान थे और इन्हें संदिग्ध रिंग पहनाये गये थे. इस मामले को जांच के लिए सीआईडी के सुपुर्द कर दिया गया था.