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ओबीसी विधेयक प्रवर समिति में भेजे जाने पर कांग्रेस को जवाब देना चाहिए

नयी दिल्ली : संसद के बजट सत्र में ओबीसी संविधान संशोधन विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजे जाने को लेकर सरकार ने आज कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों पर निशाना साधा और सवाल किया कि इतने बडे तबके को सामाजिक न्याय दिलाने के लिए लाए गए विधेयक को लेकर राज्यसभा में इन पार्टियों की […]

नयी दिल्ली : संसद के बजट सत्र में ओबीसी संविधान संशोधन विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजे जाने को लेकर सरकार ने आज कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों पर निशाना साधा और सवाल किया कि इतने बडे तबके को सामाजिक न्याय दिलाने के लिए लाए गए विधेयक को लेकर राज्यसभा में इन पार्टियों की नीति क्यों बदल गई.

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि इस मामले पर कांग्रेस और दूसरे दलों को जवाब देना चाहिए. कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस सत्र में कई विधेयक पारित किए गए, लेकिन ओबीसी संविधान संशोधन विधेयक को राज्यसभा से प्रवर समिति में भेज दिया गया. इस विधेयक को लोकसभा में सभी दलों के समर्थन से पारित किया गया था.
अब इस विधेयक के प्रवर समिति में भेजे जाने से ओबीसी वर्गों को सामाजिक न्याय मिलने में फिर से विलंब हो गया है.” कांग्र्रेस पर निशाना साधते हुए कुमार ने सवाल किया, ‘‘कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों को जवाब देना चाहिए कि राज्यसभा में उनकी नीति क्यों बदल गई? लोकसभा में उन्होंने इसे पारित कराया, लेकिन इसके बाद ऐसा क्या हो गया कि राज्यसभा में इसे पारित नहीं होने दिया गया? इनको जनता को जवाब देना चाहिए.
संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘‘ओबीसी विधेयक को रोकना ओबीसी समुदाय के अधिकारों पर रोक लगाने जैसा है. इस विधेयक को पारित किया जा सकता था, लेकिन लोकसभा में सहयोग करने वाले विपक्ष ने राज्यसभा में यह नहीं होने दिया. उन्होंने कहा, ‘‘यहां विधेयक के गुणदोष के आधार पर विरोध नहीं किया गया .
राजनीति कारणों से विरोध किया गया है. विपक्ष को इस पर उत्तर देना चाहिए.
कुमार ने कहा कि सत्र के दौरान लोक सभा में 23 और राज्य सभा में 14 विधेयक पारित किए गए. सत्र के दौरान दोनों सदनों ने कुल 18 विधेयक पारित किए. उन्होंने बताया कि पूरे बजट सत्र, 2017 के दौरान लोक सभा और राज्य सभा… प्रत्येक की कुल 29 बैठकें हुई.
उन्होंने बजट सत्र की सफलता का श्रेय विशेष रुप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली सहित सभी पार्टियों तथा सांसदों को दिया. संसदीय कार्य राज्यमंत्री एसएस आहलूवालिया ने कहा कि बजट सत्र में पारित किए गए विधेयकों के दूरगामी असर देखे जा सकेंगे. इससे राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा. उन्होंने इसमें मीडिया की भी भूमिका की सराहना की. कुमार ने कहा कि यह सत्र मुख्यत: वित्तीय कार्यो के निष्पादन के लिए समर्पित था.
सत्र के पहले भाग के एक फरवरी 2017 को वर्ष 2017-18 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया गया. इस बार रेल बजट को भी सामान्य बजट में शामिल कर दिया गया और दोनों सदनों में केंद्रीय बजट पर चर्चा हुई तथा उसे पारित कर दिया गया. उन्होंने कहा कि इस दौरान विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों के अनुदान की मांगों पर विचार किया गया और रेल, कृषि एवं किसान कल्याण, रक्षा, गृह मंत्रालयों की अनुदान की मांगों पर चर्चा हुई और इन्हें पारित किया गया.
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही रेल संबंधी 2016-17 के लिए अनुपूरक अनुदान मांगों और वर्ष 2013- 14 के लिए अइतरिक्त अनुदान की मांगों पर लोक सभा द्वारा विनियोग विधेयक पारित हुए जिन्हें बाद में राज्यसभा द्वारा लौटाया गया. कुमार ने कहा कि सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को चर्चा बाद स्वीकृत किया गया. सत्र के दौरान लोकसभा में नियम 193 के तहत सतत विकास लक्ष्य पर अल्पावधि चर्चा हुई जो अधूरी रही. राज्यसभा में नियम 176 के तहत चुनाव सुधार, आधार… इसका कार्यान्वयन और प्रभाव पर दो अल्पावधि चर्चा हुई.

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